हवाई जहाज के अपहरण पर हिंदी सिनेमा में कई फिल्में बनीं हैं। इनमें 24 मार्च को नेटफ्लिक्स पर रिलीज फिल्म ‘चोर निकल के भागा’ भी शामिल है। इसकी कहानी हीरे की चोरी को लेकर है जो बाद में विमान अपहरण में बदल जाती है।
मेरा तो बहुत अच्छा था। मुझे तो ऐश्वर्या राय जी के साथ शूट करने का मौका मिल रहा था। सहारा एयरलाइंस का विज्ञापन था। मैं पहली बार फ्लाइट से गोवा गया था। वहां जाकर मालूम हुआ कि ऐश्वर्या जी तो वहां हैं नहीं, वो तो क्रोमा पर शूट कर रही हैं। पर पहली बार फ्लाइट से जाने का यह अनुभव शानदार था।मेरी पहली फ्लाइट मुंबई के लिए ही थी और मैं बहुत नर्वस थी क्योंकि मैं अकेले ट्रैवल कर रही थी। पापा ने मुझे हर स्टेप बताया था कि कैसे कहां पर जाना होगा। मेरे ढेर सारे सवाल थे। वहां पहुंची तो बिल्कुल वैसी ही प्रक्रिया थी जैसा पापा ने समझाया था। रात को फ्लाइट लैंड होनी थी, ऊपर से शहर काफी जगमगा रहा था।मुझे लगा कि इसलिए कहते हैं मुंबई सपनों का शहर है, जो कभी सोता नहीं है। दरअसल, मुझे लगता था कि मुंबई में हर रात सेलिब्रेशन होता है। फिर धीरे-धीरे नीचे आने पर पता चला कि वो गाड़ियों व घरों की रोशनी थी। जब फ्लाइट लैंड हुई तो लोगों ने ताली बजाई। मुझे नहीं पता वो ताली क्यों बजा रहे थे, लेकिन मैंने भी तलाई बजाई।
मुझे इस बात से कोई समस्या नहीं है अगर कोई पूछकर तस्वीर ले। मैं हमेशा उनका स्वागत करती हूं। आजकल तो लोग बिना पूछे आपके आगे या पीछे से या छिपकर तस्वीरें खींचने लग जाते है या रिकॉर्डिंग करने लगते हैं, वो उचित नहीं है। आप उन तस्वीरों को इंटरनेट मीडिया पर डाल देते हैं।
उस पर कुछ लोग प्रतिक्रिया भी देने लगते हैं जबकि वह हमारा प्राइवेट मोमेंट होता है। कभी-कभी लगता है न कि पहले कैसे प्रशंसक कलाकारों को खत लिखते थे। कलाकार भी जवाब देते थे। वो चार्म ही कुछ और होता होगा। मुझे लगता है कि कलाकारों को लेकर एक मिस्ट्री (रहस्य) होना भी जरूरी है।