WTC Test चैंपियन को दी जाने वाली चमचमाती Mace की कहानी

भारत और ऑस्‍ट्रेलिया (IND vs AUS) के बीच लंदन के द ओवल में डब्‍ल्‍यूटीसी फाइनल (WTC Final 2023) मुकाबला खेला जा रहा है। यह लड़ाई क्रिकेट का सबसे पुराना और कठिन फॉर्मेट यानी टेस्ट क्रिकेट का बेताज बादशाह बनने की है।फाइनल जीतने वाली टीम को चमचमाती मेस मिलेगी। सबसे बड़ा सवाल है कि क्या टीम इंडिया फाइनल मैच को जीतकर मेस पर अपना कब्जा जमा पाएगी या नहीं? हालांकि, आइए इससे पहले समझते हैं कि आखिर यह मेस इतना खास क्यों है?थॉमस लिटे के लंदन के सिल्वर वर्कशॉप में तैयार हुई इस मेस को हाथ से तैयार की गई है। स्टंप की तरह दिखने वाले मेस के लंबे हैंडल के चारों ओर लगे चांदी के छल्ले को सफलता की निशानी बताया है। हालांकि, इस मेस की सबसे खूबसूरत हिस्सा ऊपर लगी सोने की गेंद है, जो दुनिया के मानचित्र के बीचोबीच लगाई गई है। ऊपरी हिस्से को पूरी दुनिया को बेल्ट से बांधी दिखाई गई है।इण्टरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने पहली बार साल 2003 में इस मेस को दुनिया से अवगत कराया। इस साल से आइसीसी पुरुषों की टेस्ट टीम रैंकिंग में नंबर एक के रूप में रहने वाली टीमों को इस मेस को प्रदान करते हुए उन्हें सम्मानित किया जाने लगा। इसके बाद साल 2019 में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की शुरुआत हुई। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की शुरुआत के बाद न्यूजीलैंड टीम साल 2021 में इस मेस को जीतने वाली पहली टीम बन गई।

साल 2003 के अप्रैल महीने से लेकर साल 2009 के अप्रैल महीने तक ऑस्ट्रेलिया ने मेस पर कब्जा जमाए रखा यानी तकरीबन 6 सालों तक ऑस्ट्रेलिया टीम टेस्ट में नंबर-1 बनी रही।

भारत ने तोड़ी ऑस्ट्रेलिया की बादशाहत

इसके बाद भारत ने ऑस्ट्रेलिया की बादशाहत को तोड़ा और साल 2009 में टीम इंडिया टेस्ट में नंबर-1 टीम बन गई। इसके बाद साल 2012 में टेस्ट की नंबर-1 टीम इंग्लैंड बन गई। वहीं, साल 2014 से लेकर साल 2015 तक दक्षिण अफ्रीका ने इस मेस पर कब्जा रखा। 2016 में एक बार फिर कंगारू टीम ने मेस पर कब्जा किया। साल 2017 के बाद टीम इंडिया ने इस शानदार मेस को वापस अपने कब्जे में कर लिया।

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