भारत की विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल में लगातार दूसरी हार पर भले ही त्वरित प्रतिक्रिया न हो लेकिन अगले महीने दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला के लिए वेस्टइंडीज दौरे पर जाने वाली टीम से अनुभवी खिलाड़ी चेतेश्वर पुजारा और उमेश यादव का पत्ता कट सकता है। इन दोनों की जगह टीम में यशस्वी जायसवाल और मुकेश कुमार मजबूत दावेदार होंगे क्योंकि चयन समिति भविष्य के मुश्किल दौरों के लिए खिलाड़ियों की अगली पीढ़ी को तैयार करना शुरू करना चाहेगी।
भारत का वेस्टइंडीज का एक महीने का दौरा होगा। दौरे का आगाज 12 जुलाई से दो मैचों की टेस्ट श्रृंखला से होगा। टीम इसके बाद तीन वनडे और पांच टी20 मैचों की श्रृंखला खेलेगी जिसमें हार्दिक पंड्या की कप्तानी में युवा खिलाड़ियों की टीम मैदान में उतरेगी। इस टीम में आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को मौका मिलेगा। डब्ल्यूटीसी फाइनल में लगातार दूसरी शिकस्त के बाद इस बात की काफी संभावना है कि शिव सुंदर दास की अगुवाई वाली चयन समिति और मुख्य कोच राहुल द्रविड़ अगले डब्ल्यूटीसी चक्र के लिए कुछ विकल्पों पर विचार करेंगे।
पुजारा और उमेश लंबे समय से लय में नहीं है। चयन समिति के पूर्व सदस्य देवांग गांधी ने पीटीआई-से कहा, ‘‘आपको संतुलन बनाने की जरूरत है। चयन और टीम से बाहर होना एक प्रक्रिया है लेकिन आपको युवाओं और अनुभव के मिश्रण की आवश्यकता है। टीम संयोजन में आपको लंबी योजना के साथ आगामी दो साल के चक्र को भी देखना होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि यशस्वी जायसवाल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए तैयार है। उसने रणजी, ईरानी और दलीप ट्रॉफी में दोहरा शतक बनाया है। वह मजबूत मानसिकता वाला खिलाड़ी दिखता है। उसे मौका देकर और सुधार किया जा सकता है।’’
बीसीसीआई के एक और चयनकर्ता ने गोपनीयता की शर्त पर इस बात पर निराशा जतायी कि पिछले साल दिसंबर में बांग्लादेश के बाद भारत की ‘ए’ टीम ने कोई विदेशी दौरा नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘‘ देखिये, उमेश अपने करियर के आखिरी चरण में है लेकिन ‘ए’ टीम का दौरा नहीं होने से आपको यह पता नहीं होता है कि कौन उनकी जगह लेने के लिए तैयार है। एक समय था जब हमारे पास मयंक अग्रवाल, ऋषभ पंत, हनुमा विहारी, मोहम्मद सिराज, नवदीप सैनी लगातार ’ए’ टीम के लिए खेलते हुए राष्ट्रीय टीम के लिए तैयार रहते थे। इस चयनकर्ता ने कहा, ‘‘ अब आप खिलाड़ियों के बारे में नहीं जानते। मुझे तेज गेंदबाज में सिर्फ मुकेश कुमार ही नजर आते हैं लेकिन उनके पास भी अधिक गति नहीं है और स्विंग पर विश्वास करते हैं।’’
लोकेश राहुल जांघ की सर्जरी से कब वापसी करेंगे यह तय नहीं है और वह अब टीम की कप्तानी की दौड़ में भी नहीं है। ऐसे में यह देखना भी दिलचस्प होगा कि क्या रोहित शर्मा मौजूदा फॉर्म और फिटनेस के आधार पर दो और साल के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलेंगे। वह इस चक्र के पूरा होने तक 38 साल के हो जायेंगे। ऐसे में टीम की कप्तानी के दावेदार को लेकर भी सवाल उठ रहे है। इस पूर्व चयनकर्ता ने कहा, ‘‘ वेस्टइंडीज दौरे के साथ समस्या यह है कि अगर पुजारा रन बनाते हैं तो आपको अगले साल तक उन्हें बाहर करना मुश्किल होगा। टीम को अगला टेस्ट दिसंबर में खेलना है। ऐसे में अगर आप अभी किसी युवा को मौका देते हैं तो वह आने वाले समय की बड़ी चुनौती के लिए तैयार रहेगा। कई जानकार मानते हैं कि 23 साल के शुभमन गिल के कप्तानी की भूमिका के लिए तैयार करने का यह सही समय है तो वहीं कुछ का मानना है कि संक्षिप्त समय के लिए यह जिम्मेदारी रविंद्र जडेजा को दी जा सकती है जिनकी जगह तीनों प्रारूप की टीम में पक्की है।
देवांग ने हालांकि रविचंद्रन अश्विन को कप्तानी का दारोमदार देने की वकालत करते हुए कहा, ‘‘ अश्विन क्यों नहीं? अगर आप कहते हैं कि विदेशों में टीम में उनकी जगह सुनिश्चित नहीं है, तो मैं कहूंगा कि उप-कप्तान होने के बावजूद रहाणे को एक समय अंतिम एकादश से बाहर कर दिया गया था। इसलिए गिल के टेस्ट एकादश में अपनी जगह पक्की करने से पहले थोड़े समय के लिए अश्विन या रहाणे पर भी विचार किया जा सकता है।’’ टी20 अंतरराष्ट्रीय ऐसा प्रारूप है जहां टीम चयन के लिए चयनकर्ताओं के पास विकल्प की कोई कमी नहीं होगी। अगले साल अमेरिका और वेस्टइंडीज में होने वाले इस प्रारूप में हार्दिक पंड्या का कप्तान रहना लगभग तय है।
टी20 अंतरराष्ट्रीय टीम में आईपीएल में शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को मौका मिलेगा जिसमें रिंकू सिंह और जितेश शर्मा जैसे खिलाड़ियों को जगह मिलना लगभग तय है। टीम में रुतुराज गायकवाड़ की वापसी के साथ जायसवाल को मौका मिल सकता है। आईपीएल में 27 विकेट लेने वाले मोहित शर्मा भी टीम वापसी कर सकते हैं। रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे खिलाड़ियों को इस प्रारूप की राष्ट्रीय टीम से बाहर किया जा चुका है और कार्यभार प्रबंधन के तहत मोहम्मद शमी और मोहम्मद सिराज को विश्राम मिलने की संभावना है।