US के करीब रूस ने तैनात कर दिया न्यूक्लियर वेपन

यूरोप के कई देशों में अमेरिका के परमाणु हथियार तैनात हैं और अब रूस सीमा से बिल्कुल करीब भी संयुक्त राज्य अमेरिका की तरफ से परमाणु हथियारों की तैनाती की जा सकती है। रूस ने अमेरिका को सबक सिखाने के लिए बेलारूस में परमाणु हथियारों की तैनाती की है। अब अमेरिका को एक और झटका लगा है। पता चला है कि रूस अमेरिका को चारों तरफ से परमाणु हथियारों से घेरने के मिशन पर काफी आगे निकल चुका है। कई सबमरीन तैनात कर दिए गए हैं। रूस के मित्र देशों की जमीन पर भी परमाणु बम पहुंचाए जाएंगे। साथ ही ईरान और नॉर्थ कोरिया में रूसी परमाणु बेस भी बनेंगे। रूस की हथियारों की लिस्ट में सबसे टॉप पर रहने वाले हथियार अब अमेरिका के बेहद करीब पहुंच चुके हैं। पेसेफिक से अटलांटिक तक में रूस के कई सबमरीन मंडराने लगे। कहा जा रहा है कि कई युद्धपोतों से रूस दुनिया का ध्यान इधर-उधर भटकाने की कोशिश कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक रूस ने अमेरिका को न्यूक्लियर हथियारों से घेर लिया है। बेलारूस के अलावा परमाणु हथियारों के नए ठिकाने बन चुके हैं। अमेरिका के बेहद करीब रूस ने  न्यूक्लियर वेपन तैनात किए हैं। दुनिया को रूस के इस मिशन की कभी भनक नहीं लगती क्योंकि बेलारूस में रूस ने खुलेआम परमाणु हथियारों को तैनात किया है। लेकिन इसके बाद विदेशी जमीन पर रूसी परमाणु हथियार रखने का मिशन बेहद खुफिया तरीके से किया गया। रूस के परमाणु हथियारों की लोकेशन किसी के पास नहीं है। समुद्र में सबमरीन अस्थायी परमाणु ठिकाने के तौर पर तैनात हैं। रूस के मित्र देशों की जमीन पर भी न्यूक्लिर बम भेजा गया है। रूस के मिशन का पूरा खुलासा एक सीक्रेट रिपोर्ट से हुआ है। पेंटागन के एक कमरे में मौजूद एक फाइल ने सबके होश उड़ा दिए हैं। इस फाइल में रूस के सीक्रेट मिशन की डीटेल है जिसने नाटो देशों में हड़कंप मचा दिया है। सीक्रेट फाइल में बताया गया है कि कैसे रूसी सबमरीन ने न्यूक्लियर मिशन को पूरा किया। रिपोर्ट के मुताबिक बेलारूस में परमाणु हथियारों की तैनाती के बाद ही रूस ने सीक्रेट मिशन की शुरुआत की थी। रूस के कई सीक्रेट सैन्य ठिकानों से परमाणु हथियारों को किसी अज्ञात जगह पर भेजने की तैयारी हुई। सैन्य कार्गो विमानों से वॉरहेड्स को अलग अलग बंदरगाहों पर शिफ्ट किया गया। अमेरिका की तमाम जासूसी सैटेलाइट को धोखा देने के लिए रूस ने कौन से तरीके अपनाए इसकी जानकारी पेंटागन को भी नहीं है। लेकिन माना जा रहा है कि परमाणु हथियारों की शिफ्टिंग के लिए रूस ने अपनी सबमरीन का इस्तेमाल किया है।

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