Paris Olympics 2024 से जुड़े ये पांच सबसे बड़े विवाद

पेरिस में खेलों का महाकुंभ 26 जुलाई से 11 अगस्त तक चलेगा। लेकिन ओलंपिक खेलों की शुरुआत होने से पूर्व इसके आयोजकों के सामने कई बड़ी मुसीबतें आई, हिजाब पहनने से लेकर इजराइल के एथलीटों पर प्रतिबंध लगाने जैसी कई विवाद सामने आई हैं।

इजराइल पर प्रतिबंध की मांग

गाजा पट्टी पर चल रहे युद्ध और  इजराइल के प्रकोप के कारण फिलिस्तीन के लोगों ने ओलंपिक में इजराइल पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। 7 अक्टूबर को हमास द्वारा पूर्वी इजराइल में हमले के बाद फिलिस्तान में कुल 38 हजार लोग मारे जा चुके हैं। लेकिन अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक संघ थॉमस बाक का कहना था कि इजराइल-हमास वॉर से खेलों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। ऐसे में इजराइल के एथलीटों द्वारा ओलंपिक में भाग लेने से रोका जाए या ना भी रोका जाए, हर स्थिति में IOC को आलोचनाओं का शिकार बनना पड़ सकता है।

फ्रेंच एथलीटों के हिजाब पहनने पर बैन

ओलंपिक्स 2024 की  मेजबानी कर रहे फ्रांस ने अपने देश की महिला एथलीट्स के हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया है। पिछले साल सितंबर से फ्रांस की खेल मंत्री एमिली कास्टेरा का कहना था कि धर्मनिरपेक्षता कानून के तहत सभी एथलीटों को एकसमान दिखाने के लिए ऐसा किया जा रहा है। इस फैसले की दुनिया भर में आलोचना कई गई है।

रूस और बेलारूस के एथलीटों की भागीदारी

फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद IOC ने रूस और बेलारूस पर प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक संघ ने दोनों देशों के एथलीटों को भाग लेने  की अनुमति दे दी है लेकिन इसके लिए बड़ी शर्तें बनाई गई हैं। अगर रूसी और बेलारूसी एथलीटों को ओलंपिक खेलों में भाग लेना है पहले उन्हें अंतर्राष्ट्रीय खेल संघ और फिर IOC के सामने साबित करना होगा कि वे किसी भी तरह से रूस और यूक्रेन के  युद्ध का समर्थन नहीं करते हैं।

सीन नदी की गुणवत्ता

सीन नदी के पानी की गुणवत्ता पर कई परीक्षण किए जा चुके हैं। लेकिन ये कई मौकौं पर असफल हुए हैं। फिर भी पेरिस सिटी हॉल ने ओलंपिक्स 2024 शुरू होने से दो हफ्ते पहले ही सीन नदी के पानी की गुणवत्ता को हरी झंडी दिखा दी। इस बीच फ्रेंच की खेल मंत्री और मेयर ने सीन नदी में उतर कर नदी को स्वच्छ बताया है।

श्रमिकों के अधिकारों के साथ खिलवाड़

ओलंपिक खेलों की तैयारी आयोजन से बहुत पहले शुरू हो जीता है। एक रिपोर्ट सामने आई है कि ओलंपिक्स 2024 की निर्माण परियोजनाओं के दौरान 181 दुर्घटनाएं हुई, जिनेमें 31 घटनाओं की गंभीरता बहुत ज्यादा रही। इन निर्माण कार्यों की असफलताओं के कारण श्रमिक पर्याप्त वेतन की मांग को लेकर प्रदर्शन करते रहे हैं।

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