भारत के सर्वश्रेष्ठ 400 मीटर के धावकों में शामिल दो बार के ओलंपियन मोहम्मद अनस याहिया लगातार तीसरी बार ओलंपिक गेम्स में दमखम दिखाने को तैयार हैं। पिछले प्रदर्शन को देखते हुए उनका पदक का दावा मजबूत माना जा रहा है। मोहम्मद अनस पूरे एशिया के रनिंग इवें में अपनी चमक बिखेर चुके हैं। वह ट्रैक पर भारत के सबसे प्रतिभाशाली सितारों में से एक हैं। 400 मीटर में भारत के राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक इस खिलाड़ी ने एशियाई खेलों, एशियाई चैंपियनशिप में पदक जीते हैं। इसके अलावा वह केएम बीनू और मिल्खा सिंह के बाद ओलंपिक में भाग लेने वाले केवल तीसरे भारतीय क्वार्टर-मिलर हैं, उन्होंने 2016 रियो ओलंपिक में हासिल किया था।
मोहम्मद अनस का जन्म केरल के नीलमेल गांव में हुआ था और यह आश्चर्य की बात नहीं थी कि उन्होंने एथलेटिक्स में करियर बनाया। उनके पिता याहिया स्टेट लेवल के एथलीट हैं और अनस को इस खेल में आने की इच्छा तब हुई, जब 2008 ओलंपिक में जमैका के दिग्गज उसैन बोल्ट को बीजिंग ट्रैक पर दौड़ते देखा। इसके बाद अनस ने स्थानीय स्पोर्ट्स क्लब ज्वाइन कर लिया, जल्दी ही उन्हें गांव का सबसे तेज धावक के रूप में जाना जाने लगा। इसके बाद अनस से मेंटर को लगा कि ये खिलाड़ी लॉन्ग जंप इवेंट में अच्छा प्रदर्शन कर सकता है। युवा खिलाड़ी जल्दी ही स्कूल की लॉन्ग जंप चैंपियनशिप के चैंपियन बनें, लेकिन जब उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्रशिक्षक ने उन्हें फिर से ट्रैक पर लौटने का सुझाव दिया।उनका ये फैसला जल्दी ही उनके लिए फायदे का सौदा साबित हुआ और उन्होंने डिस्ट्रिक्ट और स्टेट लेवल पर पदक जीतने शुरू कर दिया।
जब उन्होंने साल 2012 में जूनियर नेशनल चैंपियनशिप के 400 मीटर में गोल्ड जीता तो उन्हें कॉलेज ज्वाइन करने का मौका मिला, जहां केरल के एलीट स्पोर्ट्स सेंटर के कोच ट्रेनिंग दे रहे थे। इसके अलावा साल 2015 के राष्ट्रीय खेलों में, उन्होंने केरल के लिए 4×400 मीटर रिले में रजत जीता, जिसके बाद उन्हें भारतीय नौसेना से नौकरी के लिए कॉल किया। साल 2016 के सीनियर नेशनल गेम्स में अनस ने अपने पहले ही प्रयास में 400 मीटर में रजत पदक जीता। उस साल इस खिलाड़ी ने पहली बार इंडियन ग्रां प्री और फेडरेशन कप में 46 सेकेंड के बैरियर को तोड़ दिया। वहीं पोलिश एथलीट्स चैंपियनशिप में अनस ने 400 मीटर की दौड़ केवल 45.40 सेकेंड में पूरी करते हुए, एक नया नेशनल रिकॉर्ड अपने नाम किया। फिर फाइनल में 45.40 सेकेंड के प्रयास के साथ रियो ओलंपिक के लिए टिकट कटाया। इस तरह उन्होंने तीन दिन में दो बार राष्ट्रीय रिकॉर्ड को ध्वस्त किया।
इसके अलावा वह राष्ट्रीय रिकॉर्ड-ब्रेकिंग 4×400 मीटर रिले टीम का भी हिस्सा थे, जिसने 2016 रियो ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व किया था। मोहम्मद अनस ने भले ही रियो ओलंपिक में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया लेकिन उस दौरान उन्हें अपने बचपन के प्रेरणास्त्रोत उसैन बोल्ट से मिलने का मौका मिला। एक इंटरव्यू में अनस ने कहा, “इवेंट के दौरान मिली प्रेरणा अद्भुत थी। उस दौरान मुझे उसैन बोल्ट सहित कई इंटरनेशनल एथलीट्स से मिलने का मौका मिला। अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं से मिला अनुभव और आत्मविश्वास शानदार है। इस इवेंट में हिस्सा लेकर खेल के प्रति मेरा पूरा दृष्टिकोण उस प्रदर्शन के साथ बदल गया।” भारतीय धावक ने 2018 में शानदार प्रदर्शन करते हुए एशियाई खेलों में दो रजत और एक स्वर्ण पदक जीता। मिक्स्ड 4×400 मीटर रिले में गोल्ड जीता, जहां उन्होंने हिमा दास, एमआर पूवम्मा और अरोकिया राजीव के साथ संयुक्त रूप से इस इवेंट में 3:15.71 सेकेंड का नेशनल रिकॉर्ड बनाया।
इसी वर्ष बाद में इस खिलाड़ी ने एशियाई खेलों में तीन रजत पदक जीते और मिल्खा सिंह के बाद कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट बने। इसके अलावा 400 मीटर दौड़ में उन्होंने एक बार फिर नया रिकॉर्ड बनाया। इसके बाद मोहम्मद अनस 400 मीटर के नेशनल रिकॉर्ड दो बार तोड़ चुके हैं। उनका मौजूदा रिकॉर्ड 45.21 सेकेंड का है। उनकी उपलब्धियों के लिए भारतीय सरकार ने साल 2019 में उन्हें अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया। COVID-19 के चलते लगे विराम के बाद मोहम्मद अनस मेंस 4×400 मीटर रिले टीम को टोक्यो 2020 में एक जगह पक्की करने में मदद करने के लिए ट्रैक पर वापस लौट आए। हालांकि, कोई भी टीम टोक्यो में हीट से आगे नहीं बढ़ सकी। लेकिन मोहम्मद अनस एक यादगार अनुभव और रिकॉर्ड के साथ वापस लौटे। यूजीन में 2022 विश्व चैंपियनशिप में जापान द्वारा एशियन रिकॉर्ड को 2:59.51 समय के साथ फिर तोड़ा गया, लेकिन एक साल बाद बुडापेस्ट में उसी चैंपियनशिप में, अनस ने अमोज जैकब, मुहम्मद अजमल और राजेश रमेश के साथ मिलकर हीट रेस के दौरान 2:59:05 समय के साथ रिकॉर्ड को फिर से हासिल किया। उसी भारतीय चौकड़ी ने हांगझोऊ में एशियन गेम्स 2023 में 3:01.58 का समय दर्ज करते हुए स्वर्ण पदक जीता।