मानसिक और शारीरिक जरूरतों के लिए जब हम किसी के साथ रहते हैं तो वो काफी खुशी देता है लेकिन जब भी बात एक-दूसरे को समझने की आते है तो प्यार ‘कॉम्प्लिकेटेड’ हो जाता है। आज कल अधिकतर लव रिलेशनशिप इसी दौर से गुजर रहे हैं। सारा अली खान और कार्तिक आर्यन की फिल्म ‘लव आज कल 2’ भी एक ऐसे ही रिश्ते की कहानी है। 11 साल पहले इस फिल्म का पहला पार्ट आया था जिसमें दीपिका पादुकोण और सैफ अली खान दो अलग-अलग समय की लव स्टोरी लेकर आये थे। 11 साल पहले वाले फॉर्मेट को बरकरार रखते हुए इम्तियाज अली लव आज कल 2 लेकर आये हैं। प्यार के दिन पर रिलीज हुई फिल्म लव आज कल 2 अगर देखने जा रहे हैं तो जान ले कैसी है फिल्म…
फिल्म की कहानी
लव आज कल 2 की कहानी की शुरूआत दो अलग-अलग समय की कहानियों के साथ होती है। एक कहानी पुराने जमाने में प्यार कैसे होता था उसपर चलती है और एक नये जमाने में प्यार कैसे होता हैं उस पर आधारित है। दोनों में आप साफ तौर पर देखेंगे की प्यार के एहसास और जज़्बातों में कितना अंतर होता है। वक्त के साथ-साथ चीजें कैसे बदलती जाती है। लव आज कल 2 की कहानी प्यार से जिंदगी को आसान नहीं बल्कि कॉम्प्लिकेटेड बनाती है। फिल्म के कपल कार्तिक आर्यन और सारा अली खान इमोशंस और सेक्स के लिए साथ रहना चाहते हैं लेकिन खुद को एक बंधन में बांधना नहीं चाहते। उनका मानना है कि ऐसा करने से उनके करियर पर असर पड़ेगा।
कैसी है फिल्म
इम्तियाज अली वो डायरेक्टर है जो जिन्दगी को केवल सफेद और काले रंग के जज्बातों से नहीं आंकते बल्कि अनुभव की बारिकियों से समझते हैं। वह हमेशा ऐसी फिल्में बनाते हैं जो किसी न किसी चीज की असलियत से जुड़ी होती है। यह असलियत काफी भयानक भी हो सकती है। फिल्म तमाशा में हमने देखा था कि एक ही इंसान के अंदर किस तरह दो इंसान छुपे होने हैं एक जो अंजानों में खुद को जीता है और अपनों की भीड़ में खुद को भुला देता है। एक ऐसी कहानी लेकर लव आज कल 2 में लेकर आये हैं। इम्तियाज की ये कहानी आज कल के प्यार के रिश्तों की तरह थोड़ी कॉम्प्लिकेटेड हो गई है जिसे समझना थोड़ा सा मुश्किल है। आप पहली बार अपने आपको इम्तियाज की फिल्म से जोड़ नहीं पाएंगे।
फिल्म के किरदारों की बात करें तो सारा अली खान ने अपने किरदार को जिया है वहीं कार्तिक ने अपनी पुरानी फिल्मों के मुकाबले इसमें भी बढ़त बनाई है। एक भोले से लड़के का किरदार कार्तिक ने बखूबी निभाया है। कार्तिक इस फिल्म में डीप लवर बनें है जो सारा को हर हाल में पूरी तरह पाना चाहते हैं। आरुषि शर्मा ने लीना के रूप में सहज और सुंदर अभिनय किया है। वे अपने रोल में हर तरह से परफेक्ट रही हैं। रणदीप हुड्डा जैसे सशक्त अभिनेता के पास फिल्म में कुछ खास करने को नहीं था। फिल्म में इमोशनल ड्रामा बहुत ज्यादा हाई है। 2 घंटे 22 मिनट की लंबाई एक हद के बाद खलने लगती है। स्क्रीनप्ले कमजोर है।
कुल मिलाकर आप इस वेलेंटाइन डे पर एक प्यार वाला मेटेरियल देखना चाहते हैं तो फिल्म देखने जा सकते हैं लेकिन अगर आप फिल्म में कुछ ऐसा ढूढना चाहते हैं जो इस फिल्म में बाकि फिल्मों से अलग है तो आपको ऐसा कुछ नहीं मिलने वाला।