वैश्विक स्तर पर राजनीतिक उथल-पुथल, युद्ध, महामारी और भोजन व ऊर्जा संकट के दौर में आर्थिक सुधारों पर अनिश्चितता के बीच भारत को इंडोनेशिया से जी-20 की अध्यक्षता मिली है।
इन वैश्विक परिस्थितियों के संदर्भ में भारत की स्थिति और प्रभाव के लिहाज से जी-20 जैसे शक्तिशाली व वैश्विक प्रभाव वाले संगठन की अध्यक्षता भारत के बड़े वैश्विक किरदार के दावे को मजबूती से स्थापित करती है। इसके साथ ही भारत वैश्विक दक्षिण की आवाज के तौर पर उभरने और भारत की चिंताओं को वैश्विक चिंताओं में बदलने की उम्मीद भी पाले हुए है। वहीं, कई चिंताएं और चुनौतियां भी हैं, जो भारत के सामने अध्यक्षता के साथ आने वाली हैं। अगर भारत इन चुनौतियों से निपटने में कामयाब होता है, तो यकीनन भारत विश्वव्यवस्था में हमेशा की तुलना में अधिक प्रभावी और ताकतवर किरदार बनकर उभरेगा। ब्यूरो
1990 के दशक के अंत में आए गंभीर वित्तीय संकट के मद्देनजर दुनिया की शीर्ष 10 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के एक मंच के तौर पर शुरू हुए इस समूह में आज 27 देशों के यूरोपीय संघ के अलावा दुनिया के 19 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश शामिल हैं, जो दुनिया के सकल घरेलू उत्पाद का करीब 85 फीसदी, 80 फीसदी वैश्विक कारोबार, 90 फीसदी पेटेंट और करीब 66 फीसदी वैश्विक जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं। 2007 से सम्मेलन शुरू हुआ।
संगठन का मकसद
आर्थिक संकटों से निपटने के लिए समन्वित उपाय करना संगठन का प्राथमिक ध्येय है। इसमें 20 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के अलावा संयुक्त राष्ट्र, विश्व स्वास्थ्य संगठन, विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष जैसे संगठनों के अलावा बांग्लादेश, सिंगापुर, स्पेन और नाइजीरिया जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाएं भी शामिल हैं, ताकि वैश्विक अर्थव्यवस्था की दिशा धारा तय की जा सके।
विभिन्न देशों से बनाना होगा संतुलन
यूक्रेन संकट को लेकर अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिम और रूस के बीच तालमेल बिठाना सबसे बड़ी चुनौती होगी। चीन के साथ सीमा पर तनाव के चलते लगातार असमंजस बना रहेगा। चूंकि 2023 में एसएसीओ सम्मेलन भी भारत में होना है, जिसमें पाकिस्तानी पीएम को भी आमंत्रित किया जाएगा। लिहाजा, पाक के साथ भी तनाव को नियंत्रण में रखना होगा।
पहली बार ट्राइको में 3 विकासशील देश
जी-20 का कोई स्थायी सचिवालय नहीं है। हर साल समूह का एक सदस्य इसकी अध्यक्षता ग्रहण करता है। यह पहली बार है कि जी-20 की अध्यक्षता की तिकड़ी (ट्राइको) में तीन विकासशील देश शामिल हैं। भारत से पहले इंडोनेशिया इसका अध्यक्ष था, समूह की अध्यक्षता भारत से ब्राजील और फिर दक्षिण अफ्रीका के पास जाएगी। इस तरह 2025 तक विकासशील देशों के एजेंडे पर ही जी20 काम करेगा।
कल उदयपुर से शुरू होगा बैठकों का दौर
राजस्थान के उदयपुर में भारत की अध्यक्षता में जी-20 की पहली बैठक 4 से 7 दिसंबर के दौरान होनी है। इस दौरान जी-20 के शेरपा अमिताभ कांत बैठक की मेजबानी करेंगे। उद्देश्य विकास को बढ़ावा देना और बीस देशों के बीच संबंधों का निर्माण करना है। बैठक के लिए प्रतिनिधियों को ठहराने के लिए फतेह प्रकाश पैलेस, होटल उदय विलास और लीला पैलेस में व्यवस्था की गई है।
भारत-अमेरिका मजबूत साझेदार, मोदी का समर्थन करने को उत्सुक : बाइडन
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने शुक्रवार को कहा कि भारत और अमेरिका मजबूत साझेदार हैं। दोनों एक-दूसरे की तमाम मंचों पर मदद करते रहे हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा, मैं भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान अपने मित्र प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन करने को उत्सुक हूं। दोनों देश जलवायु, ऊर्जा और खाद्य संकट जैसी चुनौतियों से निपटते और सतत व समावेशी विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाएंगे।