EU से अलग होने के बाद ब्रिटिश वीजा में किए गए यह बड़े बदलाव

ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और गृह मंत्री प्रीति पटेल ने ब्रैक्जिट के बाद की वीजा एवं आव्रजन प्रणाली के लिए योजनाओं को अंतिम रूप दे दिया है । उम्मीद की जा रही है कि इस प्रणाली के लागू हो जाने पर ब्रिटेन भारत समेत दुनिया के विभिन्न देशों के कुशल पेशेवरों को अपने यहां रहने और काम करने की इजाजत देगा।

इस सप्ताह के शुरू में एक बैठक में उन्होंने ऐसे पेशेवरों की न्यूनतम वेतन की सीमा को 30000 पाउंड से घटाकर 25600 पाउंड करने , कुशलता स्तर के लिए और चीजों को जोड़ने, नौकरी की पेशकश, अंग्रेजी भाषा क्षमता आदि से संबंधित ब्रिटेन की आव्रजन सलाहकार समिति (एमएसी) की सिफारिश मान ली है।उम्मीद है कि अगले शुक्रवार को इस प्रणाली का विवरण सामने रखा जाएगा। उससे पहले बृहस्पतिवार को मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावना है। ‘संडे टाइम्स’ ने एक सरकारी सूत्र के हवाले से कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री एक ऐसी व्यवस्था देना चाहते हैं जो यह दर्शाए कि ब्रिटेन खुला देश है और वह दुनियाभर की शीर्ष मेधाओं का स्वागत कर रहा है, इससे अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी और देश आगे बढ़ेगा।’’सूत्र ने कहा कि इसी के साथ, हमें कम कुशल प्रवासन को घटाकर, सस्ते श्रम पर निर्भरता खत्मकर, कौशल, प्रौद्योगिकी एवं नवोन्मेष को बढ़ाकर, उन वादों को पूरा करना है जिनके लिए देश ने हमें निर्वाचित किया है।

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