CM योगी आदित्यनाथ बोले- विपक्षी दलों की सोच घटिया और इरादे खतरनाक

उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा उप चुनाव की सात सीट पर होने वाले मतदान को लेकर अपनी तैयारी जोरदार ढंग से शुरू कर दी है। सीएम योगी आदित्यनाथ मुख्य मोर्चे पर हैं जबकि मंत्रियों को विधानसभा का प्रभार देकर क्षेत्र में रहने को कहा गया है।

सीएम योगी आदित्यनाथ जौनपुर के मल्हनी के साथ ही देवरिया का दौरा कर चुके हैं जबकि प्रतिदिन वह एक विधानसभा के कार्यकर्ताओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संवाद भी कर रहे हैं। शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने देवरिया सदर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के मद्देनजर वहां के मंडल, सेक्टर और बूथ के प्रमुख पदाधिकारियों की वर्चुअल बैठक को संबोधित किया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस की घटना का अप्रत्यक्ष रूप से जिक्र करते हुए कांग्रेस समेत विपक्षी दलों पर हमला किया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कुछ लोगों के डीएनए में ही विभाजन है। इन लोगों ने पहले देश बांटा अब लोगों को बांटने का काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने जनता को विपक्ष की विभाजनकारी नीतियों से सावधान रहने की अपील की है। आज कांग्रेस, सपा और बसपा का बिना नाम लिए मुख्यमंत्री ने कहा है कि विपक्षी दलों की सोच घटिया और इरादे खतरनाक हैं। विभाजन इनके डीएनए में है। इसी सोच के तहत इन्होंने पहले देश को बांटा और अब जाति, संप्रदाय, मजहब और क्षेत्र के नाम पर समाज को बांटने की फिराक में हैं। इनके लिए अपना खानदान का हित ही सर्वोपरि है, बाकी सब गौण। 15 वर्ष तक प्रदेश की सत्ता पर काबिज रहने वाली बसपा और सपा के पास उपलब्धि के नाम पर सिर्फ भ्रष्टाचार और अराजकता है। समय-समय पर इन दलों ने अपने हित में लोकतंत्र व संविधान का गला घोंटा है। इनका विकास सिर्फ नारों और भाषणों तक सीमित रहा है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विकास की असली शुरुआत तो छह वर्ष पहले केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में भाजपा की सरकार बनने के साथ हुई। प्रधानमंत्री के ही मार्गदर्शन में काम उत्तर प्रदेश में हो रहा है। चौतरफा विकास के नाते भाजपा की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। जनता में एक सकारात्मक भाव पैदा हुआ है। ऐसे में कोई चांस न देखकर इन दलों की नाखुशी अब हताशा में बदल चुकी है। लिहाजा यह सभी सरकार को बदनाम करने का हर हथकंडा अपना रहे हैं। इनके मंसूबे कभी पूरे होने वाले नहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1974 से 2017 के बीच इंसेफेलाइिटस से पूर्वांचल के 50 हजार मासूमों की मौत हुई। मरने वालों में से अधिकांश गरीबों के बच्चे थे। कभी किसी ने आवाज नहीं उठाई। सिर्फ तीन वर्षों में हम इंसेफेलाइटिस को जड़ से समाप्त करने की ओर हैं।

Related posts

Leave a Comment