China से Arunachal Pradesh पर विवाद के बीच, अंडमान से भारत ने दाग दी ब्रह्मोस मिसाइल

ब्रह्मोस और आकाश भारतीय वायुसेना के वो सिपहसालार हैं जिनसे भारत के दुश्मन घबराते हैं। इन मिसाइलों का पहरा जमीन से आसमान तक सुरक्षा का एक चक्रव्यूह बनाता है। जिसे भेद पाना किसी दुश्मन के बस की बात नहीं है। चीन अरुणाचल प्रदेश को लेकर बवाल कर रहा है तो दूसरी तरफ सीमा पर लगातार उसका निर्माण कार्य भी जारी है।  भारतीय सेना ने अपनी सैन्य शक्ति का एक प्रभावशाली प्रदर्शन करते हुए बंगाल की खाड़ी में एक भारतीय द्वीपसमूह अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के ऊपर एक ब्रह्मोस मिसाइल दागी। सेना की पूर्वी कमान ने आसमान को भेदने वाली ब्रह्मोस मिसाइल की तस्वीरें और वीडियो अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स, जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था, पर साझा किया। सेना ने कहा कि इस अभ्यास के दौरान प्रदर्शित सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की सटीकता और ताकत भारतीय सेना की पारंपरिक निरोध के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

इसमें कहा गया है कि उगते सूरज ब्रह्मोस योद्धाओं ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए एक दुर्जेय बल के रूप में अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। ब्रह्मोस मिसाइल, मैक 3 के आसपास की गति में सक्षम दुनिया की सबसे तेज़ क्रूज़ मिसाइलों में से एक है, जो द्वीपों पर काफी ऊंचाई तक उड़ गई।

भारतीय सेना के अनुसार, गणना की गई स्ट्राइक ने सटीक निशाना लगाया। सेना ने कहा कि यह आयोजन अपनी संप्रभुता की रक्षा करने और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए भारत के दृढ़ समर्पण की एक मार्मिक याद दिलाता है। ब्रह्मोस एक बहुमुखी मिसाइल प्रणाली है और इसे जहाजों, पनडुब्बियों, विमानों और भूमि-आधारित मोबाइल लॉन्चरों सहित विभिन्न प्लेटफार्मों से लॉन्च करने में सक्षम है। यह मिसाइल अपनी सटीक मारक क्षमता के लिए जानी जाती है। यह मिसाइल को जमीन और समुद्री दोनों लक्ष्यों के खिलाफ अत्यधिक प्रभावी बनाता है। ब्रह्मोस मिसाइल प्रौद्योगिकी में प्रगति के लिए एक बेंचमार्क है और यह इसे नियोजित करने वाले देशों की रणनीतिक क्षमताओं को भी बढ़ाता है।

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