माँ ममता की सागर हैं पिता हिम्मत की खान हैं इन्ही दोनो के कन्धों पर टिका बच्चों का सारा जहान हैं, माँ स्नेह की कुन्जी हैं ममता की खरी वो पूँजी हैं लाड़ प्यार और दुलार की खान हैं माँ, इस पूरे विश्व मे सदा सब से महान हैं माँ, इस जीवन माँ सर्वोपरि देवी समान हैं माँ सच मे बहूत महान है,,,,,, पिता कर्म की कठोर मूरत हैं माँ ममता की मन्दिर हैं बच्चों के सुन्दर जीवन के लिए जहाँ हर पल होता कर्मों का कीर्तन हैं,,,,, जो खुद…
Read MoreCategory: पोएट्री
काव्य जगत के सशक्त हस्ताक्षर थे हरिवंश राय बच्चन- पवन श्रीवास्तव
प्रयागराज। कायस्थ परिवार में जन्म लेने तथा कायस्थ पाठशाला प्रयागराज से शिक्षा ग्रहण करने वाले इलाहाबाद विश्वविद्यालय अंग्रेजी प्रवक्ता तथा पद्म भूषण सम्मान से सम्मानित हरिवंश राय बच्चन की 19वीं पुण्यतिथि के अवसर पर रॉयल होटल सिविल लाइंस में कायस्थ संघ के कार्यकर्ताओं ने उनको नमन करते हुए अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किया l कार्यक्रम के दौरान उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व प्रकाश डालते हुए कायस्थ संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पार्षद पवन श्रीवास्तव ने कहा कि हरिवंश राय बच्चन साहित्य जगत के अनमोल हीरे और काव्य जगत के सशक्त हस्ताक्षर…
Read Moreशहर मे अलग ढंग से पहली बार दो ब्लाइंड, दो ह्वुईल चेयर , दो पैर से विकलांग कवियों द्वारा कवि सम्मेलन
थोड़ा कर लो मेहनत वरना फिर रोवोगे ,वैसा फल पाओगे जैसा तुम बोओगे l प्रयागराज । एक जनवरी 2022 को लोक सेवक मंडल के शताब्दी वर्ष 2021 मे “एक शाम शहीदों के नाम “आयोजित राष्ट्रीय दिव्यांग कवि सम्मेलन के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने देश के विभिन्न राज्यों से आये हुये दिव्यांग कवियों को “पंजाब केशरी कवि गौरव सम्मान” से प्रसस्तीपत्र एवं बुके व मोमेंटो देकर सम्मानित करते हुए कहा कि आज कवियों द्वारा अपने शब्दों एवं भावों से शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे यही मेरे…
Read Moreसमय की मारा मारी हैं,,,,
समय नही हैं यहाँ किसी को अपनो के संघ थोड़ा वक्त बिताने का, समय नही हैं यहाँ किसी को मन्दिर मस्जिद जाने का, समय नही हैं यहाँ किसी को मॉनव धर्म निभाने का, क्यो की ये सब समय की मारा मारी हैं ये सब से बड़ी लाचारी हैं,,,,,,,2 जिसे भी देखो हर कोई रहता हरदम यहाँ पर बिजी, कोई नही है ईजी यारो कोई नही हैं ईजी, क्यो की ये सब समय की मारा मारी हैं, ये सब से बड़ी लाचारी हैं,,,,,,2 पती घर के बाहर बिजी पत्नी घर के…
Read Moreहिंदुत्व
जैसे काया और माया जैसे परमात्मा व आत्मा जैसे सूर्य और रोशनी जैसे चाँद व चाँदनी वैसे ही हैं हिन्दू व हिंदुत्व,,,,2 हिन्दू एक काया हैं हिन्दुत्व उसकी माया हैं एक दूसरे में दोनों ही समाया हैं एक दूसरे के दोनों की पूरक है, एक दूसरे की दोनों को जरूरत है,,,,2 जैसे जल और जीवन जैसे मन और पवन जैसे धुन व तरंग वैसे ही हैं हिन्दू और हिंदुत्व,,,,2 जैसे माँ व ममता जैसे प्यार व परिवार, जैसे संस्कृति व संस्कार जैसे धरा व संसार , वैसे ही हैं हिन्दू…
Read Moreहिंदुत्व
जैसे काया और माया जैसे परमात्मा व आत्मा जैसे सूर्य और रोशनी जैसे चाँद व चाँदनी वैसे ही हैं हिन्दू व हिंदुत्व,,,,2 हिन्दू एक काया हैं हिन्दुत्व उसकी माया हैं एक दूसरे में दोनों ही समाया हैं एक दूसरे के दोनों की पूरक है, एक दूसरे की दोनों को जरूरत है,,,,2 जैसे जल और जीवन जैसे मन और पवन जैसे धुन व तरंग वैसे ही हैं हिन्दू और हिंदुत्व,,,,2 जैसे माँ व ममता जैसे प्यार व परिवार, जैसे संस्कृति व संस्कार जैसे धरा व संसार , वैसे ही हैं हिन्दू…
Read Moreमाँ लगा गले हम आगये,,,,
माँ भारती तेरी सेवा का हम सब से सुन्दर तोहफा पा गये, तेरी आन और शान के खतीर हम अपनी जान गवा गए, माँ लगा गले हम आगये बन माटी तुझ में समा गए,,,,2 माँ भारती तेरे आँचल की छांव में देख हम समागए , ओढ़ चुनर वो तीन रंग का तेरी गोंद में वापस आगये, तेरी आन शान के खातीर बन माटी तुझमे समागये,,,2 माँ लगा गले हम आगये बन माटी तुझमे समागए,,,,,2 इस माटी का लगा तिलक हम इस माटी में समागए माँ तेरे चरणों मे हम अपने…
Read Moreये बेशर्मो की टोली हैं,,,,,
ये बेशर्मो की टोली ही, इन सभी ने मीलकर देखो जमकर गन्ध मचाया हैं, भारत देश की मान मर्यादा को पूरा मिट्टी में मिलाया हैं, ये बेशर्मो की टोली हैं,,,,,2 लाज शर्म और हय्या गवाकर मर्यादा की सारी सीमा तोड़ा हैं, भौतिकता मॉनवता और कला के नाम पर कई दसको से ये सब मिलकर भारत देश को कर रहे है बदनाम ,क्यो की ये बेशर्मो की टोली हैं,,,,,,2 नेताओ से ज्यादा ये सब धर्म का धन्धा करते हैं, एक वर्ग से नफरत करते दूजे पर ये सारे जान लुटाते हैं…
Read Moreशब्दो को सम्मान मिलेगा,,,,,,
शब्दो को सम्मान मिलेगा एक नया अस्थान मिलेगा लिखते रहना मेरे दिल तू एक नया आष्मान मिलेगा शब्दो को सम्मान मिलेगा,,,,,2 शब्द नही कभी होते खाली ये तो सदा ही बने सवाली शब्दो मे बड़ा भाव भरा है थोड़ा दर्द थोड़ा घाव भरा हैं अपने पन का भाव भरा हैं शब्दो को सम्मान मिलेगा एक नया आष्मान मिलेगा,,,,2 यहां नही हैं कोई कोरी कल्पना हर कल्पना में जिवन का सारांश बसा हैं, हर गीत गजल और कविता में प्रेम रिस्ते व सुन्दर सपनो का एक पूरा संसार बसा हैं, शब्दो…
Read Moreकविता :आज का @#विपछ
सदन की मर्यदा को देखो कैसे जमकर मिटा रहे है, सदन के अन्दर जमकर देखो वो कैसे हो हल्ला मचा रहे है ,,,,,2 पेपर फेके शोर मचाए उल्टे सीधे नारे लगाएं टेबल पर चढ़कर करे हंगामा , जमकर करते सारा ड्रामा , ये सदन की गरिमा मिटा रहे है, अपनी घटिया मानशिकता का परिचय पत्र दिखा रहे है,,,,,,,2 ये विपछ नही ये देश विरोधी हैं ये बहुत बड़े प्रतिशोधी हैं, ये सड़क और सदन में ना कोई अंतर जाने ये सड़क सदन को एक ही माने, ये सारे सदन की…
Read More