मेरे मुन्ने मैं तेरे खातीर जीता हु तू मेरे खातीर जीना, मेरे सपनों में आश तेरी मेरी आँखों मे हैं चाहत तेरी तू मेरे सपनों में जी लेना बन जाएगी तकदीर तेरी, मेरी आँखों में हर पल हैं मेरे मुन्ने बस तस्वीर तेरी,,,,,,2 मेरे मुन्ने सुन मेरी बात जिस्से बदलेंगे जीवन के हालात, मैं तेरे खातीर जीवन के सुख दुःख की चादर को बुन लूंगा तू मेरे लिए शिक्षा की गठरी अपने सर पे उठा लेना,,,2 मैं तेरे लिए जीवन की हर पीड़ा को सह लूंगा जो तुझे चाहिए खुशियां…
Read MoreCategory: पोएट्री
हाड़ मांस का लोथा,,,,
हाड़ मांस का बना ये लोथा जिसको कहते हैं काया, एक सांस की सच्ची डोर ही यारो इसे चलाती है, हर पल इन सांसों की कीमत ये काया ही चुकाती हैं,,,,,2 लोभ मोह लालच रूपी बसी है इसमें माया, इस माया ने ही यारो इस काया को बहुत भरमाया, हाड़ मांस का बना ये लोथा जिसको कहते काया,,,,,,2 जब क्रोध की तपिश ये आती है पल भर में ही ये तन जाती हैं, तन मन में ज्वाला सी उठती हैं ये तेज अगन सी दहक जाती है, पर प्रेम सुधा…
Read Moreयुद्ध क्यों…
जीत कर क्या जीत लोगे, हार है निश्चित तुम्हारी । मासूम दिल की आह लेकर, विध्वंश मानवता ही होगी। किस जीत का है ख्वाब तुमको, हार हर करुणा से तुम्हारी। उस शक्ति के एहसास का क्या, जो अज्ञान का उद्भव करा दे। खिलखिलाती बस्तियों को, श्मशान सा मरघट बनादे । जीत कर क्या जीत लोगे, हार है निश्चित तुम्हारी । न जाने कितने दर्द पनपे, बिछड़ गए अपनों से अपने। उन आहो की दर्द तुम्हारी होगी, हर जीत से अभिशाप लोगे। हर सुबकियों को जीत कर, क्या जीत की खुशिया…
Read Moreसर्वसाती वन्दना
विद्या की देवी सरस्वती मां हम तेरी करते अराधना मां हम तेरी करते अराधना,,,,2 हम अज्ञानी बालक तेरे मन में ज्ञान की ज्योत जलादे अज्ञान का घना अंधेरा सदा के खातिर मां तू मिटा दे मां तू मिटा दे, विद्या की देवी सरस्वती मां तेरी करते हम अराधना मां अराधना,,,,,,2 दया दृष्टि मां हम पे रखना सत बुद्धि दो और दो सत भावना मां सत भावना , बुद्धि विवेक सदा हो सुन्दर बनी रहे मन में सदा सभी के लिए सत भावना मां, सत भावना मां,,,,,,2 लोभ और मोह से…
Read Moreहिन्दी कविता : सब की चुप
तेरी भी चुप मेरी भी चुप चुप सब से बड़ा हथियार है शब्दो के कोलाहल में चुप मौन खड़ा सब देख रहा है शब्दो की मारा मारी में चुप, चुपचाप हर बाजी जीत जाता है,,,,,,2 किसने बोला और क्या बोला ये चुप सारी बात समझ जाता है, पहले सुनता , फिर हैं धुनता चुप बहुत बड़ा गुणवान हैं, सही गलत हर बात का चुप रखता पूरा ध्यान हैं, चुप बहुत बड़ा विद्वान हैं,,,,,,2 क्या कहना हैं कब कहना है और किसे यहां कैसे कहना है, ये सारी खूबी आप को…
Read Moreहिन्दी कविता : मेरे मुन्ने
मेरे मुन्ने मैं तेरे खातीर जीता हु तू मेरे खातीर जीना, मेरे सपनों में आश तेरी मेरी आँखों मे हैं तस्वीर तेरी तू मेरे सपनों में जी लेना बन जाएगी तकदीर तेरी, मेरी आँखों में हर पल हैं मेरे मुन्ने बस तस्वीर तेरी,,,,,,2 मेरे मुन्ने सुन मेरी बात जिस्से बदलेंगे जीवन के हालात, मैं तेरे खातीर जीवन के सुख दुःख की चादर को बुन लूंगा, तू मेरे लिए शिक्षा की गठरी को जरा अपने सर पर उठा लेना,,,2 मैं तेरे लिए जीवन की हर पीड़ा को सह लूंगा जो तुझे…
Read Moreपिता बन के
बन के पिता , पिता के दर्द का एहसास हो रहा है, आज मेरा मन , सच में जार जार रो रहा हैं, दर्द से ये दिल तार तार हो रहा है, बन के पिता, पिता के दर्द का एहसास हो रहा हैं,,,,,,,2 आज पता चल रहा है तपती धूप मे किस कदर चलना पड़ता हैं, दो वक्त की रोटी के लिए कड़ी धूप में जलना पड़ता है, कभी कोशो तो कभी मिलो पैदल चलना पड़ता हैं,, बन के पिता, पिता के दर्द का एहसास रहा हैं,,,,,,,,2 घर की छोटी…
Read Moreमौत हैं,,,,मौत हैं,,,,,
मौत एक अडिग सत्य हैं मौत अंतिम तथ्य हैं इस पूरे संसार में सब की होती यही गत्य हैं मौत नही मिथ्या हैं मौत ही परम सत्य हैं,,,,,,,2 मौत कभी मरती नही मौत कभी डरती नही मौत खुद से ज्यादा किसी और मोहब्बत करती नही, ,,,,,,,2 मौत कभी किसी से भयभीत नही होती है मौत से इस जहा में किसी को प्रीत नही होती हैं मौत इस संसार में किसी की मीत नही होती हैं, मौत के बाद इस जीवन में कोई हार जीत नही होती हैं,,,,,,2 हर रोगी काया…
Read Moreहिन्दी कविता : मौत हैं,,,,मौत हैं,,,,,
मौत एक अडिग सत्य हैं मौत अंतिम तथ्य हैं इस पूरे संसार में सब की होती यही गत्य हैं मौत नही मिथ्या हैं मौत ही परम सत्य हैं,,,,,,,2 मौत कभी मरती नही मौत कभी डरती नही मौत खुद से ज्यादा किसी और पर भरोसा करती नही, मौत ही मौत हैं मौत कभी कही रुकती नही ,,,,,,,2 मौत कभी किसी से भयभीत नही होती है मौत से इस जहा में किसी को प्रीत नही होती हैं मौत इस संसार में किसी की मीत नही होती हैं, मौत के बाद इस जीवन…
Read Moreहिन्दी कविता : आइना हैं कश्मीर का,,,,,,,
झूठे सेकुलरिज्म की पोल खुल गई सारे जहां को भेड़िए की सकल दिख गई, ये आइना हैं कश्मीर का जो सच दिखा रहा हैं,,,,,,,2 जो झूठे भाई चारे के आड़ में अपने कटरपंथी विचारो का जुगाड बिठा रहे थे,, आज उनकी सारी पोल खुलरही हैं,ये आइना है कश्मीर का जो सच दिखा रहा हैं,,,,,,2 जो नकाब पोश बनकर लाशे गिरा रहे थे, आज उनके मुख से झूठा मुखवटा हट गया, क्या हैं इनकी मंशा ये सब को पता चल रहा हैं, ये आइना हैं कश्मीर का जो सच दिखा रहा…
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