पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस नेताओं के समर्थन की बात कही

मध्यप्रदेश में पिछले भाजपा सरकार के दौरान पार्टी के बडे नेता अपने क्षेत्र में विकास करवाने के लिए मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के नेताओं से सहारा लेते थे। इसका खुलासा किया है पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने। इंदौर में राज्यपाल लालजी टंडन के सम्मान में रखे गए एक कार्यक्रम के दौरान सुमित्रा महाजन ने यह खुलासा किया।इंदौर से आठ बार सांसद रही सुमित्रा महाजन ने कहा कि मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई वाली भाजपा सरकार के राज में वह अपने तत्कालीन संसदीय क्षेत्र के विकास के लिये कांग्रेस नेताओं से भी जनहित के मुद्दे उठाने को कहती थीं। उन्होनें कांग्रेस की वर्तमान सरकार में इंदौर के राऊ से विधायक एवं खेल एवं युवा कल्याण मंत्री जीतू पटवारी और स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट का नाम लेते हुए कहा कि जब भी इंदौर के विकास की बात आती थी तो वह इन दोनों कांग्रेसी नेताओं का समर्थन लेती थी और उन्हें जनहित के मुद्दे पर दलगत राजनीति से उपर उठकर इंदौर के विकास के लिए आवाज उठाने को कहा करती थी।उन्होंने इसके पीछे दलील दी कि भाजपा के अनुशासन से बंधी होने के कारण वह अपनी ही पार्टी की तत्कालीन सरकार की नीतियों के खिलाफ सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कह सकती थीं। इंदौर से आठ बार लोकसभा सांसद रही सुमित्रा महाजन को भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में टिकिट नहीं दिया था। 2014 में इंदौर लोकसभा सीट से आठवीं बार सांसद चुनकर संसद पहुँची सुमित्रा महाजन को लोक सभा अध्यक्ष चुना गया था।ताई के नाम से मशहूर इंदौर की पूर्व लोकसभा सांसद सुमित्रा महाजन के इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में इसको लेकर चर्चा जोरों पर है। बेबाकी से अपनी बात रखते हुए पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि कई बार ऐसे अवसर भी आयेजब मैं जनहित के कुछ मुद्दों पर प्रदेश में अपनी गी पार्टी की सरकार के खिलाफ नहीं बोल सकती थी। तब मैं धीरे से उन्हें (कांग्रेस नेताओं को) बोलती थी कि वे इन मुद्दों को उठायें और इसके बाद मैं शिवराज (तत्कालीन मुख्यमंत्री) से बात कर उचित कदम उठाने को कह दूंगी। सुमित्रा महाजन ने दावे के साथ कहा कि कांग्रेस नेताओं ने इंदौर के भले के लिये उनकी बात हमेशा मानी है।

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