क्रियायोग अभ्यास के दौरान जो भी अनुभूति होती है वह अमर तत्व की अनुभूति है :योगी सत्यम

प्रयागराज l झूसी स्थित क्रियायोग आश्रम के संस्थापक परम पूज्य गुरुदेव योगी सत्यम के सानिध्य में शनिवार को विश्व भर के कई देशों के विभिन्न शहरों में रह रहे साधकों ने क्रियायोग का अभ्यास किया l योगी सत्यम ने शनिवार कोऑनलाइन क्लास विदेशों में रह रहे क्रियायोग साधकों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से क्रियायोग अभ्यास करवाया l साथ ही साधकों को सिर से पैर तक पूरे शरीर की अनुभूति करते हुए, ब्रेन व स्पाइनल कार्ड पर ध्यान कर शरीर को कड़ा ढीला करने का अभ्यास कराते हुए कहा कि शरीर को कड़ा ढीला करने पर जो भी अनुभूतियां होती है वह अमरता की अनुभूति है l परम पूज्य गुरुदेव योगी सत्यम ने विदेशी साधकों को यह भी बताया कि पूरे विश्व में कोरोना वायरस तबाही मचा रहा है l इन वायरसों से बचने के लिए क्रियायोग अभ्यास ही एक सुनिश्चित प्रभावशाली विकल्प है l साधक गण क्रियायोग अभ्यास करते रहें अपने शरीर को क्रियायोग के सिद्धांत के अनुसार कड़ा ढीला करते रहे l साधक गण नियमित तरीके से क्रियायोग अभ्यास करते रहें उनको कोरोना ही नहीं कोई भी वायरस का दुष्प्रभाव नहीं होगा l परम पूज्य गुरुदेव योगी सत्यम ने बताया कि मानव जीवन का लक्ष्य होता है सत्य की खोज करने के साथ-साथ अमर तत्व कीअनुभूति करनाl ब्रह्मांड में जितने भी रचनाएं हैं जब उनके विषय में अच्छी तरह से खोज किया जाता है तो सिद्ध हो जाता है कि सभी रचनाएं अमर हैं lआसमान वायु अग्नि ऊर्जा जल अणु – परमाणु सभी अमर हैं lइससे सिद्ध होता है कि आत्मा परमात्मा स्वयं सभी रचनाओं के रूप में प्रकट हो रहे हैं l क्रियायोग विश्वव्यापी मूवमेंट के संस्थापक परम पूज्य गुरुदेव योगी सत्यम ने सहज सत्ता को बताया कि क्रियायोग अनुसंधान संस्थान में रह रहे साधक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए क्रियायोग अभ्यास प्रतिदिन सुबह-शाम करते हैं l वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए विश्वभर की विभिन्न देशों के विभिन्न शहरों में क्रियायोग अभ्यास कराया जा रहा है l

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