केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए नई पेंशन विकल्प के बारे में जानें पूरी जानकारी

यूपीएस यानी यूनिफाइड पेंशन स्कीम, एनपीएस यानी नेशनल पेंशन स्कीम से भी अलग है। कई कर्मचारियों ने एनपीएस चुना है मगर कई अब यूपीएस में शिफ्ट भी होना चाहते है। ऐसे में केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एनपीएस चुनना फायदे का सौदा होगा या फिर यूपीआई चुनना बेहतर है। इस महीने की शुरुआत में यूपीएस लागू किया गया है। ऐसे में इससे जुड़े कई सवाल लोगों के मन में है, जिनके जवाब आज आपको देंगे।

 

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एनपीएस यानी नेशनल पेंशन स्कीम के तहत विकल्प के तौर पर पेश किया है। ये एक अप्रैल 2025 से लागू हो चुका है। एक अप्रैल 2025 तक सेवा में मौजूद केंद्र सरकार का कोई भी कर्मचारी जो नेशनल पेंशन स्कीम के तहत आता है, वो भी यूपीएस का चुनाव कर सकता है।

 

सेवानिवृत्त कर्मचारी के लिए यूपीए

एनपीएस के तहत आने वाले केंद्रीय सरकारी कर्मचारी जो 31 मार्च 2025 या इससे पहले सेवानिवृत्ति ले चुके है। जो सभी निर्धारित शर्तों को पूरा करते हैं वो यूपीएस में स्थानांतरित हो सकते है। अगर कोई केंद्रीय सकारी कर्मचारी मृतक है, जिसका कानूनी विवाहित जीवनसाथी है, वो भी यूपीएस के तहत पात्र हो सकता है।

 

ये फॉर्म भरकर चुनें यूपीएस विकल्प

फॉर्म ए एक अप्रैल 2025 को या इसके बाद सेवाए में शामिल होने के लिए केंद्रीय सरकारी कर्मचारी को भरना होगा। यूपीएस के अंतर्गत कवर होने के लिए एनपीएस में वर्तमान में सदस्यता हासिल करने के लिए कर्मचारियों को फॉर्म ए2 भरना होगा। फॉर्म को ऑनलाइन भरा जा सकता है। केंद्र सरकार के कर्मचारी एक अप्रैल 2025 से तीन महीने में या विस्तारिसत समय सीमा में एक विकल्प को चुन सकते है। वहीं एक बार एनपीएस या यूपीएस में से विकल्प चुनने के बाद इसे बदला नहीं जा सकता है।

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