प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को महाकुंभ पर अपनी टिप्पणी के लिए राजद प्रमुख लालू यादव पर तीखा हमला किया और कहा कि जंगलराज में शामिल लोगों को हिंदू आस्था और विश्वास से नफरत है। मोदी ने कहा कि इस समय प्रयागराज में एकता का महाकुंभ चल रहा है। ये भारत की आस्था का, भारत की एकता और समरसता का सबसे बड़ा महोत्सव है। पूरे यूरोप की जितनी जनसंख्या है, उससे भी अधिक लोग इस एकता के महाकुंभ में स्नान कर चुके हैं, लेकिन ये जंगलराज वाले महाकुंभ को गाली दे रहे हैं।
मोदी ने साफ तौर पर कहा कि राम मंदिर से चिढ़ने वाले लोग महाकुंभ को भी कोसने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। मैं जानता हूं, महाकुंभ को गाली देने वाले लोगों को बिहार कभी माफ नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि NDA सरकार भारत की गौरवशाली विरासत के संरक्षण और वैभवशाली भविष्य के निर्माण के लिए एक साथ काम कर रही है। लेकिन ये जो जंगलराज वाले हैं, इन्हें हमारी धरोहर से, हमारी आस्था से नफरत है।
उनकी यह टिप्पणी इस महीने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ से हुई मौतों पर प्रतिक्रिया देते हुए लालू द्वारा महाकुंभ को “अर्थहीन” बताए जाने के कुछ दिनों बाद आई है। लालू ने कहा था, ”कुंभ का कोई मतलब नहीं है…यह बिल्कुल निरर्थक है।” बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उनके बयान को ”तुष्टीकरण की राजनीति” कहा था। मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि मेरा तो सपना है, दुनिया की हर रसोई में भारत के किसान का उगाया कोई न कोई उत्पाद होना ही चाहिए। इस वर्ष के बजट ने भी इसी विजन को आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा किबजट में ‘पीएम धन धान्य योजना’ की घोषणा की गई है। इसके तहत देश के 100 ऐसे जिलों की पहचान की जाएगी, जहां सबसे कम फसल उत्पादन होता है। फिर ऐसे जिलों में खेती को बढ़ावा देने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। बीते वर्षों में सरकार के प्रयासों से भारत का कृषि निर्यात बहुत अधिक बढ़ा है। इससे किसानों को उनकी उपज की ज्यादा कीमत मिलने लगी है। कई कृषि उत्पाद ऐसे हैं, जिनका पहली बार निर्यात शुरू हुआ है। अब बारी बिहार के मखाने की है।