झूंसी/प्रयागराज । ब्लॉक बहादुरपुर अंतर्गत ग्राम नीबी कला में राम कथा के चौथे दिन बृहस्पतिवार को किष्किंधा कांड की चर्चा करते हुए डॉ मदन मोहन मिश्र ने कहा की सत्कर्म को तुरंत करना चाहिए संघर्ष को हमेशा टाल देना चाहिए हो सकता है हम किसी अनर्थ से बच जाए। महात्मा जीवात्मा की व्यथा परमात्मा को सुनाकर और परमात्मा की कथा जीवात्मा को सुनाकर जोड़ने का कार्य करता है। भगवान राम ने बाली को तब तक नहीं मारा जब तक कि सुग्रीव ने अपने भाई को शत्रु नहीं बताया। जीव के कर्मों की ओट से ही परमात्मा जीव को देखता है। भगवान की कथा जीव की व्यथा को समाप्त कर देती है। प्रतापगढ़ से पधारे मानस प्रवक्ता पंडित आशुतोष द्विवेदी ने अहिल्या उद्धार की चर्चा करते हुए कहा कि प्रभु राम ने रास्ते में पति परित्यकता अहिल्या को उनके पति गौतम से मिलाया तब सीता को पत्नी के रूप में स्वीकार किया। जब हम अपनी उपलब्धियों को परमात्मा के चरणों में चढ़ा देते हैं तो परमात्मा हमारे सिर का सारा भार स्वयं उठा लेता है। बता दें कि आज दिन शुक्रवार को इस रामकथा का समापन दिवस होगा।
सत्कर्म करने में देर नहीं करना चाहिए- मदन मोहन मिश्र
