शुआट्स द्वारा कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

प्रसार निदेशालय, शुआट्स प्रयागराज के निदेशक प्रसार डा प्रवीन चरन के दिशा निर्देशन में ग्राम सराय देवराज, मानधाता, प्रतापगढ़ में एक कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए वैज्ञानिक डा० सरवेन्द्र कुमार ने किसानों को खरीफ फसलों की उत्पादन तकनीक पर चर्चा करते हुए बताया कि धान की रोपाई हेतु 20-25 दिन पुरानी पौध का उपयोग रोपण हेतु करें। उर्वरकों का प्रयोग मृदा परीक्षण के आधार पर ही करें। उन्होंने कृषकों को श्रीअन्न की उपयोगिता एवं उत्पादन तकनीक पर विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि देश में पैदा की जाने वाली मुख्य श्रीअन्न की फसलों में ज्यार, बाजरा, रागी, कोदों, कुटकी, सांवा की खेती की जाती है।
 वैज्ञानिक डा० शैलेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि बीज शोधन करने से फसल को बीज व मृदाजनित रोगों से बचाया जा सकता है। कहा कि वर्तमान में ऐसी कृषि पद्धतियों को अपनाने की आवश्यकता है जिसमें लागत कम आये, उत्पादन अधिक प्राप्त हो, गुणवत्तापूर्ण उत्पादन प्राप्त हो साथ ही साथ मानव स्वास्थ्य व पर्यावरण पर भी कोई कुप्रभाव न पड़े।
कार्यक्रम में उपस्थित डा० मदन सेन सिंह ने बताया कि आज ग्रीनहाउस गैसें वातावरण में काफी बढ़ रही हैं जिसके कारण जलवायु में असंतुलन हो रहा है, यदि वृक्षों की इसी प्रकार से कटाई होती रही तो आने वाले समय में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा इन कठिनाइयों से बचने का एक ही उपाय है कि अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें एवं प्राकृतिक संतुलन बनाये रखें, पेड-पौधे अधिक होने से प्राणी जगत को शुद्ध आक्सीजन प्राप्त होगी व वातावरण भी शुद्ध व स्वच्छ रहेगा।

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