दिल्ली सरकार ने राजद्रोह के चार साल पुराने एक मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और नौ अन्य लोगों पर मुकदमा चलाने के लिए दिल्ली पुलिस को मंजूरी दे दी। इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कन्हैया कुमार ने ट्वीट किया, ‘‘राजद्रोह के मामले में फास्ट-ट्रैक अदालत और त्वरित कार्रवाई जरूरी है ताकि देश को पता चले कि इस पूरे मामले में राजनीतिक फायदों के लिए राजद्रोह कानून का किस तरह दुरुपयोग किया गया।’’ कन्हैया ने कहा, ‘‘राजद्रोह के मामले में मुकदमे की मंजूरी देने के लिए दिल्ली सरकार का शुक्रिया।’’ उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में राजनीतिक लाभ और लोगों को उनके बुनियादी मसलों से भटकाने के लिए किया गया है।
सेडिशन केस में फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट और त्वरित कार्रवाई की जरुरत इसलिए है ताकि देश को पता चल सके कि कैसे सेडिशन क़ानून का दुरूपयोग इस पूरे मामले में राजनीतिक लाभ और लोगों को उनके बुनियादी मसलों से भटकाने के लिए किया गया है।पूर्व जेएनयूएसयू अध्यक्ष ने दिल्ली पुलिस और सरकार के अधिकारियों से इस मामले को गंभीरता से लेने और न्याय करने का आग्रह किया। उमर खालिद ने भी अपना और अनिर्बान भट्टाचार्य का संयुक्त बयान ट्वीट किया। उसने ट्वीट किया, ‘‘दिल्ली सरकार के हमारे खिलाफ राजद्रोह के मामले में अनुमति देने की खबर हमें बिल्कुल परेशान नहीं करती। हमें अपनी बेगुनाही का पूरा भरोसा है, न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है।’’ बयान में कहा गया है, ‘‘हम अदालत में अपना बचाव करेंगे तो सत्तारूढ़ शासन के झूठों तथा राष्ट्रवादी होने के फर्जी दावों का पर्दाफाश करेंगे।’’