वित्त मंत्री ने लगाई सरकारी बैंकों की क्लास, कहा- लोगों को लोन दे या नहीं लेकिन करें सही से बात

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में कर्मचारियों और अधिकारियों के ढुलमुल रवैये और ग्राहकों से बढ़ती दूरी को देखते हुए केंद्र सरकार सख्त रुख में दिख रही है। आने वाले दिनों में सरकारी बैंकों की सूरत बदलने के लिए सरकार इस कवायद में जुटी है कि लोगों को यहां निजी बैंकों जैसी कार्यप्रणाली और लोगों से संवाद देखने को मिलने लगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकारी बैंकों को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि वे भले ही लोगों को लोन दें या न दें, लेकिन उनसे बात करें।

सीतारमण ने कहा कि सरकारी बैंकों को ग्राहकों से अपने कनेक्ट को सुधाना चाहिए। दरअसल, ईंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में वित्तमंत्री ने कहा, ‘पीएसयू बैंकों में शाखा स्तर पर ग्राहकों के साथ संबंध पहले जैसा नहीं रहा। कार्यक्रम के दौरान बैंकों के कामकाज पर ईज 3.0 रिपोर्ट जारी की गई। ईज 3.0 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का एक विजन डॉक्यूमेंट है जिसमें बेहतर बैंकिंग सेवा का जिक्र किया गया है

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