प्रयागराज। भारतीय गुणवत्ता परिषद, भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा इनके सहभागी संस्थान पारि-पुनस्र्थापन वन अनुसंधान केन्द्र, प्रयागराज के साथ मिलकर औषधि पादप उत्पादन हेतु स्वैच्छिक प्रमाणीकरण योजना द्वारा उत्तम कृषि कार्य विषय पर सह संवेदीकरण क्षमता निर्माण संबंधित एक दिवसीय कार्यशाला सिविल लाइंस में मंगलवार को किया गया।
पारि पुनस्र्थापन वन अनुसंधान केन्द्र के डाॅ.संजय सिंह ने प्रमाणीकरण हेतु आगे आने हेतु प्रयागराज के किसानों का आह्वान किया, जिससे इस क्षेत्र में देश की स्थिति हर दृष्टि से सुदृढ़ हो सके। कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए भारतीय गुणवत्ता परिषद नई दिल्ली के निदेशक डाॅ. मनीष पाण्डेय ने औषधीय पादप उत्पादन हेतु स्वैच्छिक प्रमाणीकरण योजना की भूमिका और परिचय में औषधीय पादप व्यापार का वर्तमान परिदृश्य गुणवत्ता एवं व्यापार को बढ़ाने में राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड के हस्तक्षेप तथा समर्थन में भारत की गुणवत्ता परिषद, योजना व तत्वों की उत्पत्ति में शासी संरचना एवं प्रमाणित मानदंड से अवगत कराया। इसके बाद औषधीय पादप उत्पादन हेतु स्वैच्छिक प्रमाणीकरण योजना के अंतर्गत उत्तम कृषि कार्य के तत्व से संबंधित औषधीय पौधों की खेती का दायरा, आवश्यकताओं एवं मूल्यांकन मानदंड में साइट चयन, मिट्टी की स्थिति, बीज, कृषि अभ्यास, कटाई एवं प्रबंधन पैकेजिंग व भंडारण, उपकरण और औजार के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी।
तत्पश्चात उन्होंने फसल के अन्तर हेतु खेती के लिए फसल प्रबंधन में मोनोग्राफ विकसित करने हेतु माॅडल संरचना के साथ कटाई तथा प्राथमिक प्रसंस्करण के बारे में अवगत कराया। स्वागत भाषण में केन्द्र की वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं कार्यशाला आयोजन सचिव डाॅ.अनीता तोमर ने भारतीय गुणवत्ता परिषद से प्रतिभागियों को अवगत कराया तथा उन्नत कृषि पद्धतियों व कार्य क्षेत्र संग्रह पर विस्तृत चर्चा की। अंत में पैकेज भंडारण-मशीनरी अंतर के क्रम में पहचान एवं खोज तथा कर्मियों और उपकरण से अवगत कराया। सीएमपी महाविद्यालय के सहायक प्रो.डाॅ.दीपक कुमार गोंड ने पूर्वी उ.प्र के महत्वपूर्ण औषधीय पौधों की खेती विषय से लोगों को अवगत कराया। कार्यक्रम की सह सचिव डाॅ. अनुभा श्रीवास्तव ने औषधीय पौधों के विपणन पहलुओं एवं संचालन पर चर्चा किया। वन अनुसंधान केन्द्र की वरिष्ठ वैज्ञानिक यथा डाॅ. कुमुद दूबे, आलोक यादव के साथ तकनीकी अधिकारी डाॅ. एस.डी शुक्ला एवं रतन कुमार गुप्ता के साथ केन्द्र के शोधार्थी छात्र योगेश, शिवम, हरिओम, चार्ली, राजकुमार, अंकुर, रेखा राणा, अभिजीत, प्रदीप, अमित, कुलदीप, फराज तथा विकास आदि उपस्थित रहे।