रंक को भी राजा बनाने की शक्ति रखता है यह रत्न

ज्योतिष शास्त्र में नवग्रह के बारे में बताया गया है। इन ग्रहों की स्थिति बदलने पर व्यक्ति के जीवन पर सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। हांलाकि ग्रहों की अनुकूलता और शुभता के लिए ज्योतिष में कई उपाय बताए गए हैं। इन ग्रहों के लिए अलग-अलग रत्न बनाए गए हैं। इन रत्नों को धारण करने से ग्रहों की शुभता प्राप्त होती है और कई अन्य लाभ भी देखने को मिलते हैं। ज्योतिष में कुछ रत्नों को बेहद प्रभावशाली और लाभकारी माना जाता है। ऐसा ही एक रत्न नीलम भी है। नीलम शनि ग्रह का रत्न है और यह शक्तिशाली रत्न माना जाता है। मान्यता के मुताबिक नीलम रत्न व्यक्ति को राजा से रंक और रंक से राजा बना सकता है। लेकिन इस रत्न को धारण करने का सही नियम जानना बेहद जरूरी है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको नीलम रत्न धारण करने की सही विधि और फायदे के बारे में बताने जा रहे हैं।

नीलम धारण करने के नियम

नीलम रत्न को सोने या फिर पंच धातु से बनी अंगूठी में जड़वाकर पहनना चाहिए। इस अंगूठी को बाएं हाथ में और मध्य रात्रि में धारण करना शुभ माना जाता है। बताया जाता है कि चौकोर नीलम पहनना सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है। वहीं यह शनि ग्रह का रत्न होता है, इसलिए इन रत्न को धारण करने के बाद व्यक्ति को भूलकर भी मांस, मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।

नीलम रत्न पहनने के फायदे

बताया जाता है कि नीलम रत्न को धारण किए जाते ही यह अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर देता है। इस रत्न को धारण करने से व्यक्ति के पास धन संबंधी समस्या नहीं रहती है। साथ ही व्यक्ति की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और नौकरी व व्यवसाय में भी सफलता मिलती है। इसके अलावा नीलम रत्न धारण करने वाले व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी फायदे होता है। इस रत्न को भाग्य में वृद्धि करने वाला रत्न माना गया है।

नीलम रत्न धारण करने के नुकसान

आपको बता दें कि नीलम रत्न जितनी जल्दी फायदा दिखाता है, उतना ही जल्दी इसका नुकसान भी देखने को मिलता है। इसलिए इस रत्न को धारण करने से पहले किसी योग्य ज्योतिष से सलाह जरूर लेनी चाहिए। क्योंकि यह रत्न न सिर्फ आपकी आर्थिक स्थिति बल्कि स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकती है। नीलम रत्न को खरीदते हुए भी इसका खास ख्याल रखना चाहिए।

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