पिता पत्रकार और बेटा बना सेना में कमांडो , ट्रेन से उतरते ही लोगो ने फूल माला से किया स्वागत

नवाबगंज थाना क्षेत्र के छोटे से गांव के लाल ने लहराया परचम
ट्रेनिंग पूरी कर घर लौटे कमांडो का परिजनों व ग्रामीणों ने जोरदार स्वागत कर बाटी मिठाइयां
 लालगोपालगंज /प्रयागराज । नवाबगंज थाना क्षेत्र के एक छोटे से गांव नसीरपुर दरगाही गांव के एक साधारण  परिवार के बेटे का सेना में चयन हुआ तो ग्रामीणों के खुशी का ठिकाना नहीं रहा सेना में भर्ती होने के बाद ट्रेनिंग पूरी कर जब वह जवान अपने गांव पहुंचा तो ग्रामीणों ने इसका जोरदार स्वागत किया। नवाबगंज थाना क्षेत्र के नसीरपुर दरगाही निवासी एक हिंदी दैनिक समाचार पत्र के संवाददाता राकेश शुक्ला जिन्होंने पत्रकारिता और समाज सेवा करते हुए अपनी आधी उम्र बिता दिया  इनके बड़े बेटे आशीष कुमार शुक्ला उर्फ आशु लगन और कड़ी मेहनत से उसका चयन भारती सेना में पैराशूट कमांडो के पद पर हो गया ।  चयन के बाद ट्रेनिंग पुरी कर मंगलवार को आशीष  सेना की वर्दी धारण कर प्रयागराज जंक्शन पहुंचे तो   परिजनों ने उनका माल्यार्पण कर जोरदार  स्वागत किया फौजी के घर आने की सूचना ग्रामीणों को हुई तो नवाबगंज चौराहा स्थित पेट्रोल पंप पर दर्जनों के संख्या में लोगों ने उनका माल्यार्पण कर स्वागत किया घर पहुंचने पर जवान  ने प्राचीन शिवजी की मंदिर पर माता टेकर  मां लालती देवी शुक्ला और पिता का आशीर्वाद लिया  बाद में परिवार के दर्जनों महिलाओं ने आरती उतार कर बेटे का स्वागत कर मिस्ठान  वितरण किया । इस मौके पर रमाकांत शुक्ला शिवाकांत शुक्ला संतोष कुमार शुक्ला चंद्र लाल शुक्ला भूतपूर्व सैनिक विद्याभूषण शुक्ला राजकुमार शुक्ला अंकुर शुक्ला सुरेंद्र कुमार शुक्ला ललित शुक्ला अनुराग शुक्ला अनुपम शुक्ला छोटू शुक्ला सत्यम शुक्ला सौरभ शुक्ला क्षेत्र पंचायत सदस्य रामकली ज्ञान देवी शुक्ला मुन्नी शुक्ला कांति देवी कुमकुम देवी काजल स्नेहा ओम शुक्ला बड़कऊ छोटकउ शुक्ला संतोष सरोज रामकुमार सरोज सुनील कुमार सरोज कड़े दिन गुप्ता राधेश्याम गुप्ता श्री राम गुप्ता जितेंद्र पटेल अनिल पटेल रामसुख पटेल पप्पू पटेल पारस पटेल एवं राजेंद्र तिवारी आदि तमाम लोग उपस्थित रहे
दृढ़ संकल्प, कड़ी मेहनत के कारण मिला मुकाम
फौजी  आशीष कुमार शुक्ला ने बताया कि वह रोजाना कम से कम 5 घंटे तक पढ़ाई करता था एवं ग रोजाना दौड़ लगाता था। उसका बस एक ही लक्ष्य था कि उसे देश की सेवा करना है और कठिन मेहनत लगन के कारण उसका सेना में चयन हो गया।

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