आजम खां की मुश्किलें बढ़ी, अब्दुल्ला का फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवाना पड़ा भारी

प्रयागराज। रामपुर के सांसद मोहम्मद आजम खां, उनकी पत्नी तंजीम फातिमा व बेटे मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खां को इलाहाबाद हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के आरोप में इनके खिलाफ रामपुर की अदालत में चल रहे मुकदमे व चार्जशीट को रद्द करने से इंकार कर दिया है।
राजनीतिक दल के क्षेत्रीय संयोजक आकाश सक्सेना ने अब्दुल्ला आजम खां को स्वार से विधायक बनवाने के लिए फर्जी जन्म तिथि तैयार कराने का आरोप लगाया हेै। पुलिस की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए एसीजेएम रामपुर ने आरोपियों को सम्मन जारी कर हाजिर होने का आदेश दिया है। मुकदमे की कार्यवाही व चार्जशीट को रद्द करने की मांग में दाखिल याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है।
यह आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चैहान ने मोहम्मद आजम खां व दो अन्य की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के हवाले से कहा है कि चार्जशीट से प्रथमदृष्टया आपराधिक मुकदमा चलाने का पर्याप्त आधार मौजूद है। ऐसे में मुकदमे को रद्द करने का कोई औचित्य नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि किसी भी व्यक्ति को अपराध की प्राथमिकी दर्ज कराने का अधिकार है। चार्जशीट से प्रथमदृष्टया आपराधिक केस बनता हो तो आरोप के साक्ष्य पर मुकदमे के विचारण के समय विचार किया जायेगा। प्रथमदृष्टया अपराध कारित हो रहा हो तो कोर्ट हस्तक्षेप नहीं कर सकती। कोर्ट के इस फैसले से आजम खां के परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती है।
मालूम हो कि अब्दुल्ला आजम खां ने हाई स्कूल, इंटरमीडिएट, बी.टेक व एम.टेक की शिक्षा हासिल की। जिसमें 1 जनवरी 1993 जन्म तिथि दर्ज है। 28 जून 2012 को अब्दुल्ला आजम खां की रामपुर नगरपालिका परिषद से जन्मतिथि प्रमाणपत्र बनवाया गया और बदलाव करते हुए 30 सितम्बर 1990 जन्मतिथि की गयी। इसे निरस्त कराये बगैर नगरपालिका परिषद लखनऊ से 2015 में दुबारा 30 सितम्बर 1990 की जन्मतिथि बनवायी। धोखाधड़ी, कूटकरण के आरोप में तीनो लोगों के खिलाफ आकाश सक्सेना ने गंज थाने में एफआईआर दर्ज करायी है। पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है। इस पर कायम आपराधिक मुकदमे को रद्द करने की मांग की गयी थी।

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