विश्वविद्यालय का निजीकरण करने की कोशिश : विनोद तिवारी

छात्र पर जानलेवा हमला करने वाले प्रॉक्टर को बर्खास्त  किया जाए
कार्यालय प्रतिनिधि
प्रयागराज । इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रों पर जारी बर्बर दमन,छात्रों के अलोकतांत्रिक निलम्बन व विवेक कुमार पर चीफ प्रॉक्टर द्वारा प्राणघातक हमलें के खिलाफ संयुक्त छात्र संगठनों,नागरिक समाज, अधिवक्ता मंच ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों को बताया कि चीफ प्रॉक्टर राकेश सिंह पर मुकदमा दर्ज कर करवाई करने तथा चीफ प्रॉक्टर पद से तत्काल बर्खास्त किए जाने की मांग करते हुए आगामी 23 नवंबर को इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ भवन गेट पर छात्र महापंचायत करने की घोषणा की । आइसा के राष्ट्रीय महासचिव प्रसेनजीत ने अपनी बात रखते हुए कहा की विश्वविद्यालय में लोकतांत्रिक जगहों को छात्रों के लिए खत्म किया जा रहा है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में वाद- विवाद,संवाद के लिए प्रसिद्ध रहा है लेकिन अब इस विरासत को नष्ट किया जा रहा है। सभी छात्र संगठन मिलकर विश्वविद्यालय की ।
नागरिक समाज की तरफ से अपनी बात रखते हुए विनोद तिवारी ने कहा कि विश्वविद्यालय का निजीकरण करने की कोशिश हैं, जिसके खिलाफ इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों के आंदोलन तथा लोकतंत्र बहाली के लिए नागरिक समाज  मजबूती से समर्थन करता हैं तथा लोकतांत्रिक माहौल को बहाल करने की मांग करता हैं।
एनएसयूआई उपाध्यक्ष सत्यम कुशवाहा ने कहा कि तीन-तीन महीने छात्रों को जेल में रखकर उनके साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है, यह विश्वविद्यालय प्रशासन तथा योगी की पुलिस के शिक्षा विरोधी होने को दिखाता है। समाजवादी छात्र सभा की तरफ से सुधीर ने अपनी बात रखते हुए कहा कि दलित पिछड़े छात्रों के साथ निलंबन निष्कासन किया जा रहा है, उन्हें शिक्षा से बेदखल करने की कोशिश है जो शर्मनाक हैं। दिशा के प्रांजल ने कहा की समस्त छात्रों को एकजुट होकर शिक्षा विश्वविद्यालय में हो रहे हमले के खिलाफ लड़ना होगा। एआईएसएफ की तरफ से सुफियान ने कहा कि विश्वविद्यालय को अपनी व्यक्तिगत जागीर समझना प्रशासन में बैठे लोग बंद करें अन्यथा छात्र उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगा। अधिवक्ता मंच की तरफ से नितेश कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा किए जा रहे हैं निलंबन निष्कासन अवैधानिक है,अधिवक्ता मंच छात्रों की लड़ाई में उनके साथ है और कैंपस में लोकतंत्र बहाल किए जाने की मांग करता है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की शोध छात्रा आकांक्षा आजाद ने कहा कि छात्रों के ऊपर जारी बर्बर दमन के खिलाफ प्रदेशव्यापी एकजुटता व्यक्त कर लोकतंत्र बहाली के लिए आंदोलन चलाया जाएगा। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र नेता रहे तथा वर्तमान अधिवक्ता अरविंद सरोज ने अपनी बात रखते हुए कहा की दलित पिछड़ों के ऊपर जानबूझकर दमनात्मक कार्रवाई की जा रही है जिसे कतई बर्दास्त नहीं किया जाएगा। एसएफआई के साथी आशीष ने कहा कि विश्वविद्यालय शिक्षा का माहौल खत्म किया जा रहा है गरीब छात्रों को पढ़ने लिखने से बेदखल करने की साजिश की जा रही है। कांफ्रेंस में राहुल पटेल,साक्षी,चंदा , यादव, शिवानी,आयुष, सुयश,शशांक आदि उपस्थित  थे।

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