भारतीय एकल टेनिस खिलाड़ी एशियाई खेलों से खाली हाथ लौटेंगे

भारत के एकल टेनिस खिलाड़ी 2006 के बाद पहली बार एशियाई खेलों से खाली हाथ लौटेंगे चूंकि सुमित नागल और पिछली बार की कांस्य पदक विजेता अंकिता रैना बुधवार को क्वार्टर फाइनल में हारकर बाहर हो गए।

नागल के लिये दुनिया के 60वें नंबर के खिलाड़ी जिझेन झांग को हराना आसान नहीं था। वह दो घंटे 16 मिनट में 7 . 6, 1 . 6, 2 . 6 से हार गए। सोमदेव देववर्मन ने 2010 में पुरूष एकल में स्वर्ण जीता था। उसके बाद युकी भांबरी (2014 इंचियोन) और प्रजनेश गुणेश्वरन (2018 जकार्ता) ने कांस्य पदक जीता था। दोहा में 2006 में हुए खेलों में रोहन बोपन्ना और करण रस्तोगी एकल वर्ग में पदक दौर में नहीं पहुंच सके थे। रैना को जापान की हारूका राजी ने क्वार्टर फाइनल में 3 . 6, 6 . 4, 6 . 4 से हराया।

रामकुमार रामनाथन तीसरे और रूतुजा भोसले दूसरे दौर में ही हार गए थे। पुरूष युगल और मिश्रित युगल में भारतीय चुनौती अभी भी बाकी है।

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