प्रयागराज । हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में उत्तर मध्य रेलवे के मुख्यालय में 14 सितंबर से आयोजित राजभाषा पखवाड़े के अंतर्गत आज ”मिशन 2047 के प्रतीक अमृत भारत स्टेशन” विषय पर हिंदी वाक् प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में महाप्रबंधक कार्यालय के विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों ने अत्यंत उत्साह से भाग लिया। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतिभागियों ने अमृत भारत स्टेशन के महत्व और इसकी बहुआयामी खूबियों और लाभों के बारे में अपने विचार व्यक्त किए और देश की उन्नति में रेलवे स्टेशनों की भावी रूपरेखा पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर निर्णायक के रूप में उपस्थित उप मुख्य सतर्कता अधिकारी (यातायात) डॉ जितेन्द्र कुमार ने कहा कि अमृत भारत स्टेशन बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना है एवं इसकी परिकल्पना और रूपरेखा भविष्य की आवश्यकताओं और अपेक्षाओं को ध्यान में रखकर बनाई गई है। अमृत भारत स्टेशन स्थानीय संस्कृति,कला,इतिहास और हमारे गुमनाम नायकों और नेत्रियों की यश:गाथा के सम्मिलित प्रतीक बनेंगे । इस अवसर पर दूसरे निर्णायक के रूप में उपस्थित उप मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं उप विसमुलेधि/वित्त एवं बजट शैलेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि अमृत भारत स्टेशन द्वारा यात्रियों और आमजन को विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, साथ ही इसका भव्य रूप हमें निरंतर गौरव का अनुभूति कराएगा। शैलेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि इन स्टेशनों के नवनिर्माण के बाद इनके निरंतर अनुरक्षण के प्रति भी जागरूकता का भाव होना आवश्यक है। इस प्रतियोगिता में पी के ओझा, निरीक्षक/सीआईबी, रेल सुरक्षा बल को प्रथम स्थान, एम.एस. नजमी, वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर/टेली./निर्माण को द्वितीय स्थान तथा निशांत चौहान, अवर लेखा सहायक, लेखा विभाग को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ।
राजभाषा पखवाड़ा के अंतर्गत आयोजित टिप्पण एवं प्रारूप लेखन प्रतियोगिता में प्रवीण कुमार,सीनियर सेक्शन इंजीनियर/यांत्रिक, को प्रथम,विवेकानंद, वरिष्ठ अनुभाग अधिकारी/लेखा विभाग को द्वितीय तथा राजीव कुमार, वरिष्ठ अनुभाग अधिकारी/लेखा/निर्माण को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। इन सभी विजेता प्रतिभागियों को 29 सितंबर को राजभाषा पखवाड़ा के मुख्य समारोह के दौरान महाप्रबंधक द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा। राजभाषा पखवाड़ा के दौरान 29 सितंबर को बुंदेली लोकगीत आल्हा गायन कार्यक्रम का आयेाजन किया गया है। प्रतियोगिता का संचालन राजभाषा अधिकारी यथार्थ पाण्डेय ने किया तथा वरिष्ठ राजभाषा अधिकारी/निर्माण संगठन कृपा शंकर मिश्रा द्वारा कार्यक्रम का संयोजन किया गया।