नारी शक्ति वंदन विधेयक को चर्चा के बाद लोकसभा में पास कर दिया गया। महिला सशक्तिकरण को लेकर यह काफी अहम माना जा रहा है। इस विधेयक को लगभग सभी पार्टियों ने अपना समर्थन दिया है। वोटिंग के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लोकसभा में मौजूद रहे। विधेयक के पक्ष में 454 वोट पड़े जबकि दो खिलाफ में गए। हालांकि, उनके कुछ सवाल भी थे। कुछ पार्टियों की ओर से इसे चुनावी जुमला बताया गया और सवाल किया गया कि इसे कब लागू किया जाएगा? कुछ ने सवाल उठाए कि आखिर इस विधेयक को लागू करने के लिए परिसीमन और जनगणना की क्या आवश्यकता है? यह अभी क्यों नहीं लागू हो सकता? वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जल्द से जल्द परिसीमन और जनगणना के बाद इसे लागू किया जाएगा। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह हमारे लिए राजनीतिक मुद्दा नहीं हैं। इस दौरान जातीय जनगणना का भी मुद्दा उठा और साथ ही साथ ओबीसी में भी महिला आरक्षण का भी मुद्दा उठा।
कांग्रस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने बुधवार को सरकार से आग्रह किया कि ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ के कानून बनने के साथ इसे जल्द से जल्द लागू किया जाए क्योंकि इसे लागू करने में देरी भारत की महिलाओं के साथ घोर नाइंसाफी होगी। उन्होंने लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने के प्रावधान वाले ‘संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023’ का समर्थन किया और यह भी कहा कि जाति जनगणना करा कर इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) की महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की जाए। विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करने में अपने पति और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के योगदान को याद किया और कहा कि इस महिला आरक्षण विधेयक के पारित होने से उनके दिवंगत पति का अधूरा सपना पूरा होगा।
– भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर महिला आरक्षण विधेयक को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए बुधवार को लोकसभा में कहा कि आधी आबादी को अधिकार देने का विधेयक लाने का श्रेय केवल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी पार्टी को जाता है। निचले सदन में महिला आरक्षण से संबंधित ‘संविधान (128वां संशेधान) विधेयक, 2023’ पर चर्चा में भाग लेते हुए दुबे ने कहा कि कांग्रेस समेत विपक्षी दल इतने वर्षों तक इस विधेयक को लेकर नहीं आए और प्रधानमंत्री मोदी तथा भाजपा ने इसे लाने का नैतिक साहस दिखाया।
– द्रविण मुनेत्र कषगम (द्रमुक) ने बुधवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर महिला आरक्षण विधेयक को राजनीतिक रंग देने की कोशिश करने का आरोप लगाया और कहा कि महिलाओं को पूजा और वंदन की जरूरत नहीं है, उसे समानता और सम्मान की जरूरत है। लोकसभा में ‘संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023’ पर चर्चा में भाग लेते हुए द्रमुक की सदस्य कनिमोझी ने इसका समर्थन किया और कहा, ‘‘लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा ने इसे भी राजनीतिक रंग देने की कोशिश की। वर्ष 2024 के चुनावों को ध्यान में रखकर यह विधेयक लाया गया है।’’
– समाजवादी पार्टी की सदस्य डिंपल यादव ने बुधवार को लोकसभा में सरकार से आग्रह किया कि महिलाओं के लिए आरक्षण के प्रावधान वाले ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ में अनुसूचित जाति और अनुसूसित जनजाति (एससी/एसटी) के साथ ही अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) तथा अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाओं के लिए अलग कोटा निर्धारित किया जाए। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से लोकसभा सदस्य डिंपल ने यह सवाल भी किया कि चुनाव से ठीक पहले सरकार को महिलाओं की याद क्यों आई? उन्होंने यह सवाल किया, ‘‘क्या आरक्षण अगले लोकसभा चुनाव और आगामी विधानसभा चुनाव में लागू हो पाएगा या नहीं?
– केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने सरकार पर महिला आरक्षण से संबंधित विधेयक आगामी लोकसभा चुनाव में फायदा पाने के लिए लाने के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए बुधवार को कहा कि संसद में हर फैसला चुनाव को देखकर नहीं किया जाता। लोकसभा में महिला आरक्षण से संबंधित ‘संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023’ पर चर्चा के दौरान हस्तक्षेप करते हुए केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि विधेयक में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटा की मांग करने वाली कांग्रेस ने 2010 में उसके नेतृत्व वाली सरकार के समय इस विधेयक को लाये जाने के दौरान ओबीसी कोटे की बात क्यों नहीं की थी। उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा, ‘‘कांग्रेस को क्या नया-नया यह ख्याल आया है।’’
– ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को लोकसभा में महिला आरक्षण से संबंधित विधेयक का विरोध किया और आरोप लगाया कि सरकार संसद में सिर्फ ‘सवर्ण महिलाओं’ का प्रतिनिधित्व बढ़ाना चाहती है तथा उसे अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) एवं मुस्लिम समुदाय की महिलाओं की चिंता नहीं है।
– जनता दल (यूनाइटेड) ने ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ को 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए सरकार का ‘जुमला’ करार देते हुए बुधवार को लोकसभा में कहा कि यह विधेयक कुछ और नहीं, बल्कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ पर ‘पैनिक रिएक्शन’ (घबराकर उठाया गया कदम) है। जदयू के सदस्य राजीव रंजन सिंह ने लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित करने के प्रावधान वाले ‘संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023’ पर निचले सदन में जारी चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा, ‘‘हमारी पार्टी विधेयक का समर्थन करती है, क्योंकि हम महिला सशक्तीकरण में विश्वास रखते हैं। लेकिन यह सरकार का 2024 का चुनावी जुमला है।’’
– भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान ने बुधवार को लोकसभा में महिला आरक्षण से संबंधित विधेयक का समर्थन किया और सरकार से यह आग्रह भी किया कि इस विधेयक में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) की महिलाओं के लिए कोटे का प्रावधान किया जाए।
– केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने महिला आरक्षण विधेयक को ‘अपना विधेयक’ बताने के कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी के दावे पर परोक्ष निशाना साधते हुए बुधवार को लोकसभा में कहा कि कुछ लोग इस विधेयक को ‘अपना’ बताकर श्रेय लेने का प्रयास कर रहे हैं। भाजपा नेता ईरानी ने महिला आरक्षण से संबंधित संविधान (128वां संशोधन) विधेयक 2023 पर निचले सदन में चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि विपक्ष देशवासियों को भ्रमित करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष का नाम लिये बिना कहा कि सदन में कहा गया कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने 2010 में विधेयक पेश किया था।
– कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने महिला आरक्षण से संबंधित विधेयक का बुधवार को समर्थन किया और यह भी कहा कि इसमें अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) की महिलाओं के लिए अलग आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए क्योंकि इसके बिना यह विधेयक अधूरा है। उन्होंने लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित करने के प्रावधान वाले ‘संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023’ पर निचले सदन में चर्चा में भाग लेते हुए यह आरोप भी लगाया कि सत्तापक्ष जातीय जनगणना की मांग से ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहा है।