प्रयागराज। भारत में जब मुगल साम्राज्य की स्थापना हुई तब अरबी और फारसी भाषा का प्रचलन हुआ। उसके बाद अंग्रेजों के शासन काल में अंग्रेजी प्रचलित हुई। आजादी की लड़ाई में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने हिंदी को संपर्क भाषा के रूप में चुना और अपनी सभी सभाओं में हिंदी के माध्यम से लोगों को जोड़ा।
उक्त विचार केन्द्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन, इलाहाबाद के महाप्रबंधक यशपाल सिंह ने क्षेत्रीय राजभाषा कार्यान्यवन समिति की बैठक में सोमवार को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि देश आजाद होने के बाद 1949 में हिंदी को राजभाषा के रूप में प्रतिष्ठित किया और ऐसा प्रावधान किया कि धीरे-धीरे हिंदी का प्रयोग बढ़ाते हुए अंग्रेजी का प्रयोग समाप्त हो जाए। इस दौरान महाप्रबंधक ने राजभाषा विभाग द्वारा प्रकाशित हिंदी पत्रक ‘विद्युत प्रभा’ का विमोचन किया। उन्होंने सामूहिक पुरस्कार योजना के अंतर्गत क्रमशः इंजीनियरी, लेखा तथा सामान्य विभाग को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार की शील्ड प्रदान की तथा गृह मंत्रालय की प्रोत्साहन योजना के पुरस्कार विजेता अधिकारियों, कर्मचारियों को नकद पुरस्कार एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किया।
इससे पूर्व मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक कमलेश शुक्ल ने संगठन में हिंदी के प्रचार-प्रसार सम्बंधी विभिन्न गतिविधियों का उल्लेख किया। संगठन के उप मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं उप मुख्य सामग्री प्रबंधक आकाश दीप द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ बैठक समाप्त हुई। बैठक में मुख्यालय के विभागाध्यक्ष आलोक गुप्ता मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, आशुतोष प्रमुख मुख्य इंजीनियर, डी.के.गुप्ता प्रमुख वित्त सलाहकार (भण्डार), राजीव त्रेहान मुख्य सामग्री प्रबंधक, के.सी.शर्मा प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी, अखिलेश चन्द्रा प्रमुख मुख्य सुरक्षा आयुक्त रेसुब, एस.के.मिश्रा सचिव महाप्रबन्धक तथा परियोजनाओं के उप मुख्य राजभाषा अधिकारी प्रतिनिधि एवं कोर मुख्यालय के सभी विभागों के संपर्क अधिकारी भी उपस्थित थे। बैठक का संचालन वरिष्ठ राजभाषा अधिकारी एवं सदस्य सचिव सुनीला यादव ने किया।