इस महीने शिवरात्रि पर हैं कई शुभ संयोग

सावन के महीने का कृष्ण पक्ष शुरू हो चुका है। कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को सावन अधिक मास की शिवरात्रि मनाई जाएगी। सावन अधिक मास की शिवरात्रि इस वर्ष 14 अगस्त को पड़ने वाली है। शिवरात्रि के इस खास मौके पर कई शुभ संयोग भी बन रहे है। भगवान शिव की पूजा में इस दिन बेल पत्र, धतूरे का उपयोग करना बेहद शुभ रहेगा। ऐसा करने से भक्तों की किस्मत का ताला भी खुल जाएगा।

इस वर्ष 14 अगस्त को सावन अधिक मास की शिवरात्रि पड़ेगी। सावन की शिवरात्रि के दिन ही सोमवार का व्रत भी है। इस दिन ही रवि प्रदोष व्रत का पारण किया जाएगा। ये बेहद ही शुभ संयोग है। इसके अलावा दो शुभ योग सर्वार्थ सिद्धि और सिद्धि योग भी बनेगा। इस वर्ष सावन के अधिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 14 अगस्त सोमवार सुबह 10:25 बजे से 15 अगस्त मंगलवार को दोपहर 12:42 बजे तक रहने वाली है। इसके साथ ही 14 अगस्त को ही रवि प्रदोष व्रत का पारण किया जाएगा जो कि सुबह 5:49 बजे के बाद हो सकेगा, क्योंकि इस दौरान ही सूर्योदय होगा।

शिवरात्रि पर सावन का छठा सोमवार

सावन के अधिक मास का छठा सोमवार का व्रत भी इसी दिन किया जाएगा। इस दिन पुनर्वसु और पुष्य नक्षत्र है। इस दिन अभिजित मुहूर्त सुबह 11:59 बजे से दोपहर 12:52 बजे तक रहने वाला है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 11:07 बजे से 15 अगस्त सुबह 05:50 बजे तक रहेगा। इस योग के दौरान जो भी कार्य किए जाते हैं उसका फल बेहद शुभ मिलता है।

ये है शिवरात्रि की पूजा का मुहूर्त

अधिकमास में शिवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त रात 12.02 बजे से शुरू होगा। देर रात 12.48 बजे तक ये मुहूर्त रहने वाला है। इस दौरान शिव भक्तों को शिव पूजा करनी चाहिए।

धतूरे और बेलपत्र के उपाय देंगे लाभ

– इस बार शिवरात्रि और सावन का सोमवार एक साथ ही पड़ रहा है। इस दिन बेलपत्र और धतूरे के उपाय करने से भक्तों को बेहद लाभ होगा। इस दिन भगवान शिव की कृपा पाने के लिए तीन बेलपत्र पर ओम नम: शिवाय लिखें। इस बेलपत्र को शिवलिंग पर चढ़ाएं। पूजा का समापन होने के बाद इस बेलपत्र को उस स्थान पर रखें जहां धन रखते हैं या तिजोरी में रखे। इस उपाय को करने से धन की कमी दूर होती है। ये समृद्धि मे इजाफा करता है।

– शिवरात्रि के दिन शुभ मुहूर्त में ही भगवान शिव की उपासना करें। भगवान शिव को ध्यान करते हुए एक धतूरा शिवलिंग पर चढ़ाएं। इस दौरान श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का जाप करें। पूजा करने के कुछ समय बीतने के बाद शिवलिंग को अर्पित किए गए धतूरे को एक कपड़े में बांधे और उसे तिजोरी में रखें। ऐसा करने से धन संपत्ति संबंधित परेशानियों से छुटकारा मिलता है। धन का संकट खत्म होता है।

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