प्रयागराज। आज के बदलते युग में बच्चों में चारित्रिक निर्माण की परम आवश्यकता है, जिससे वे अपनी संस्कृति और सभ्यता को पहचाने। जिसके लिए पतंजलि ऋषिकुल सदैव से ही बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य करता रहा है। उक्त बातें विद्यालय अध्यक्षा डाॅ. कृष्णा गुप्ता ने बसन्त पंचमी पर सम्बोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि इसी उद्देश्य को लेकर विद्यालय सभागार में गुरूवार को बसंत पंचमी का पर्व बड़े उल्लास के साथ मनाया गया। जिसका शुभारम्भ डाॅ. कृष्णा गुप्ता, रवीन्द्र, रेखा वैद्य, विद्यालय प्रधानाचार्य नित्यानन्द ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम की शुरुआत ‘वीणा वादिनी सरस्वती’ नृत्य के साथ आरंभ हुआ, जिसको देखकर सभी लोग मंत्रमुग्ध हो गए। ‘फागुन के रंग उड़े’ लोक गीत सुनकर सभागार में बैठे सभी लोग झूम उठे। विद्यालय अध्यक्षा ने अभिभावकों का स्वागत किया तथा अपने व्याख्यान में माँ सरस्वती के गुणों का बखान करते हुए बच्चों को उनके द्वारा प्रस्तुत किये गए कार्यक्रम की सराहना की एवं शुभकामनाएं दी। विद्यालय प्रधानाचार्य नित्यानन्द सिंह ने बच्चों का उत्साह बढ़ाते हुए धन्यवाद ज्ञापन किया और कहा कि माँ सरस्वती ज्ञान एवं उर्जा का प्रतीक हैं। विद्या एवं उर्जा का आह्वान करके जीवन में प्रगति के पथ पर अग्रसर हों।