प्रयागराज ।प्रो राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) शिक्षा प्रसार समिति द्वारा संचालित स्थानीय ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कालेज गंगापुरी रसूलाबाद प्रयागराज के प्रांगण में आयोजित वार्षिक परीक्षाफल वितरण एवं प्रतिभा अलंकरण समारोह के घोषित परीक्षा परिणाम में कक्षा द्वितीय की छात्रा शिविका मिश्रा ने 97.15 प्रतिशत अंक, सप्तम ‘ख’ के छात्र आदित्य कुमार सिंह ने 92.29 प्रतिशत, नवम ‘ख’ के छात्र यश स्वरूप ने 93.57 प्रतिशत अंक तथा एकादश ‘ख’ के छात्र हर्षित तिवारी ने 84.47 प्रतिशत अंक प्राप्त कर अपने वर्ग में विद्यालय में पहला स्थान प्राप्त किया।
प्रतिभा अलंकरण समारोह के मुख्य अतिथि डाॅ0 कल्पराज सिंह (सदस्य, लोक सेवा आयोग प्रयागराज) रहे, डाॅ हरेश प्रताप सिंह ( सदस्य, लोक सेवा आयोग प्रयागराज) ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में इं0 हर्षवर्धन बाजपेई (विधायक, शहर उत्तरी प्रयागराज) व रामजी सिंह (प्रदेश निरीक्षक, पूर्वी उ0प्र0 अवध प्रान्त) उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का शुभारम्भ माँ सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीपार्चन, पुष्पार्चन एवं सरस्वती वन्दना से हुआ। विद्यालय के प्रधानाचार्य युगल किशोर मिश्र ने उपस्थित अतिथियों का परिचय कराया तत्पश्चात उन्हें श्रीफल, अंगवस्त्रम व स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया।
विद्यालय का सम्पूर्ण वृत्त विद्यालय के परीक्षा प्रमुख दीपक कुमार मिश्र ने प्रस्तुत किया एवं विद्यालय के वार्षिक परीक्षाफल की घोषणा की। जिसके अनुसार विद्यालय की गृह परीक्षा का परिणाम शत-प्रतिशत रहा। विद्यालय में कुल 1359 पंजीकृत विद्यार्थी थे। जिसमें बोर्ड परीक्षार्थियों को छोड़कर कुल 1062 छात्र गृह परीक्षा में सम्मिलित हुये। जिसमें 712 छात्र ससम्मान उत्तीर्ण हुये 283 प्रथम श्रेणी में तथा 67 छात्र द्वितीय श्रेणी उत्तीर्ण हुये।
कार्यक्रम मंे मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित डाॅ0 कल्पराज सिंह जी ने शिक्षा के क्षेत्र में विद्या भारती द्वारा किये जा रहे प्रयोगों एवं प्रयासों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि, ‘‘कम्प्यूटर क्रांति ने आज शिक्षा को आधुनिकतम प्रयोगांे के साथ जोड़ते हुए जिस द्रुतगामी शिक्षण पद्धति कि व्यवस्थता की है उसने निःसन्देह मनुष्य के हाथो में ऐसी शक्ति दे दी है जिससे बटन दबाते ही इण्टरनेट पर समूचे ब्रहमाण्ड का ज्ञान पलक झपकते ही हमारी आँखो के सामने आ जाता है किन्तु इसका यह मतलब नहीं कि अध्यापक का अस्तित्व समाप्त हो गया। विद्याभारती के नेतृत्व में चल रहें सरस्वती शिशु मन्दिर एवं सरस्वती विद्या मन्दिर देश को शिक्षा के साथ साथ राष्ट्रभक्ति की भावना से ओतप्रोत संस्कारक्षम नागरिक प्रदान करने में महती भूमिका निभा रहें है।’’ छात्रों को सम्बोधित करते हुये उन्होंने ने कहा सपने वे नहीं हुआ करते जिन्हें हम बन्द आँखो से देखते हैं सपने वे होते है जो हमें सोने नहीं देते छात्र/छात्राओं को ऐसे ही स्वप्न देखने चाहिए जो उन्हें सोने न दें। शिक्षा के साथ संस्कार सोने में सुहागा होता है और ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मन्दिर गंगापुरी निश्चित रूप से प्रयागराज महानगर में शिक्षा और संस्कार के प्रति अपने कर्तव्य का सफलता से निर्वहन कर रहा है।’’ इस हेतु उन्होने विद्यालय के प्रधानाचार्य युगल किशोर मिश्र द्वारा किये जा रहे प्रयासों की भूरि-भूरि प्रसंशा की।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में बोलते हुये डाॅ हरेश प्रताप सिंह जी ने सफल विद्यार्थियों को शुभकामनायें प्रदान की। अपने वक्तव्य में उन्होनें ने ‘‘छात्रों को भावी भारत का कलाम, कर्तिकेयन, सचिन, अमत्र्य सेन, मेघनाथ साहा, विवेकानन्द व सुभाष बताते हुए कहा कि ये छात्र ही भारत के विकसित देश बनने की सीढ़ी साबित होंगे।’’
विद्यालय के प्रधानाचार्य युगल किशोर मिश्र ने विद्यालय के सम्पूर्ण परिदृश्य पर प्रकाश डालने के साथ ही आगामी योजनाआंे से अवगत कराया।
विशिष्ट अतिथि ने विद्या भारती के कार्य एवं उद्देश्यों को बताते हुए कहा कि ‘‘विद्या भारती द्वारा संचालित विद्यालयो का उद्देश्य राष्ट्र निर्माण हेतु ऐसे संकल्पवान, श्रेष्ठ चरित्रयुक्त, परिश्रमी एवं मेधा से युक्त विद्यार्थियों की टोली तैयार करना है जो राष्ट्र को वह स्वरूप प्रदान कर सके जिसकी संकल्पना परमपूज्य गुरूजी एवं महामना मदनमोहन मालवीय ने की थी। आभार ज्ञापन विद्यालय समिति के अध्यक्ष श्रीमान शरद गुप्त जी ने किया।
कार्यक्रम में विजय उपाध्याय, मौलिचन्द्र, मीना श्रीवास्तव, वागीश मिश्र, डाॅ0 शैलेश पाण्डेय, बालमुकुन्द मिश्र, एस0एन0 त्रिपाठी, आर0डी0 सिंह, इन्द्रजीत त्रिपाठी, दिनेश दूबे, सतीश सिंह, सुमन्त पाण्डेय, अंजनि मिश्र, किरण बाला पाण्डेय, रितु द्विवेदी, निर्मल चन्द्र द्विवेदी, बीनू सक्सेना, विभा मिश्रा, धनंजय पाण्डेय जी के अतिरिक्त बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक, अभिभावक व बच्चों की उपस्थिति प्रमुख रही। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय की आचार्या श्रद्धा , मीनाक्षी , रीता विश्वकर्मा एवं आचार्य सरोज सिंह ने किया। कार्यक्रम का समापन कल्याणमंत्र के साथ हुआ।