प्रयागराज। असम राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सैयद मुमीनुल ओवाल ने बुधवार को यहां माघ मेले में कहा मैं भी हिन्दू हूं।संगम में डुबकी लगाकर उन्होंने शंकराचार्य के शिविर में संतों का आशीर्वाद भी लिया। इस मौके पर असम के कई मुस्लिम संगठनों के परिषद की तरफ से राम मंदिर निर्माण के लिए उन्होंने पांच लाख रुपये के सहयोग की भी घोषणा की।
सैयद मुमीनुल ओवाल ने कहा कि जिस तरह से असम के लोग अपने को असमिया कहते हैं, उसी तरह हिन्दुस्थान का रहने वाला हर नागरिक हिन्दू है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा धर्म इस्लाम है, लेकिन हिन्दुस्तान का नागरिक होने के नाते हम अपने को बड़े गर्व से हिन्दू कहते हैं।
नागरिक संशोधन कानून (सीएए) के बारे में पूछे जाने पर श्री ओवाल ने कहा कि यह कानून नागरिकता देने का है, नागरिकता लेने के लिए नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ बाहरी शक्तियां जो भारत में सुख, शांति और विकास नहीं चाहती हैं, वे यहां के मुस्लिमों को बहका रही हैं। देश के कुछ सियासी दल भी इसमें उनकी मदद कर रहे हैं। सीएए का विरोध कर रहे मुस्लिम पुरुष और महिलाओं से अपील करते हुए मुमीनुल ओवाल ने कहा कि हिन्दुस्तान उनका देश है, यहीं जन्मे हैं और यहीं रहेंगे। ऐसे में वे सभी अपने देश के हित में सोचें न कि दूसरों के बहकावे में आयें।
एक दूसरे सवाल के जवाब में श्री ओवाल ने कहा कि असम में जबसे सर्वानंद सोनोवाल की सरकार बनी है, तब से वहां कोई दंगा नहीं हुआ। समूचे राज्य में शांति का माहौल है और विकास कार्य बड़ी तेजी के साथ हो रहे हैं।
राम मंदिर के लिए पांच लाख के सहयोग का एलान
मुमीनुल ओवाल ने अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए असम के कई मुस्लिम संगठनों के परिषद की तरफ से राम मंदिर निर्माण के लिए पांच लाख रुपये के सहयोग की घोषणा की। उन्होंने बताया कि जोमोगुस्थिया सोमोन्नय परिषद असम (जेएसपीए) असम के 21 मुस्लिम संगठनों का परिषद है और वह इसके अध्यक्ष हैं। उन्होंने बताया कि परिषद ने देश की एकता के प्रति मुस्लिमों की एकजुटता दिखाने और राम मंदिर निर्माण के प्रति हिन्दुओं की अगाध आस्था को देखते हुए यह फैसला किया है।
शंकराचार्य के शिविर में संतों से लिया आशीर्वाद
असम राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष मुमीनुल ओवाल पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देव तीर्थ के माघ मेला स्थित शिविर में मंगलवार देर रात पहुंचे। आज सुबह उन्होंने गंगा, यमुना और अंतःसलिला सरस्वती के पावन संगम में डुबकी लगाई और आद्य शंकराचार्य धर्मोत्थान संसद के शिविर में जाकर साधु-संतों को भोजन कराया और उन्हें दक्षिणा देकर आशीर्वाद लिया। इस शिविर में शंकराचार्य अधोक्षजानंद के सानिध्य में प्रतिदिन अन्नक्षेत्र और विशाल भंडारा का आयोजन होता है। संतों का आशीर्वाद प्राप्त करने के बाद श्री ओवाल ने कहा कि तीर्थराज प्रयाग पुण्य भूमि है। यहां हर कोई को आना चाहिए।
इस मौके पर जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी दामोदरदास महाराज, परमहंस राजाराम दास दिगंबर, निर्मोही अखाड़ा के महंत छैलबिहारी दास, शिव नारायण, डॉक्टर मणि शंकर द्विवेदी और भाजपा नेता देवानंद त्रिपाठी समेत तमाम लोग उपस्थित रहे।