इमरान को सता रहा मौत का डर! कोर्ट में पेशी से पहले CJP को पत्र लिखकर मांगी पर्याप्त सुरक्षा

तोशाखाना मामले में इस्लामाबाद पुलिस ने रविवार को पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान को गिरफ्तार करने लाहौर स्थित उनके जमन पार्क घर पहुंची, लेकिन समर्थकों के हंगामे के चलते खाली हाथ लौट गई। इस बीच इमरान पुलिस से बचने के लिए घंटों यहां-वहां छिपे रहे। पुलिस लौट गई तो घर पहुंचकर समर्थकों को संबोधित किया। कहा, आप मेरे टाइगर्स हैं। मैं कभी किसी के सामने न झुका हूं, न झुकूंगा। हम सिर्फ अल्लाह के सामने झुकने वाले लोग हैं। उन्होंने  प्रधानमंत्री शरीफ पर निशाना साधा। कहा, हमारा प्राइम मिनिस्टर दुनियाभर में भीख मांग-मांगकर पाकिस्तान को जलील करा रहा है।

बता दें, इस्लामाबाद की एक अदालत ने तोशाखाना मामले में समन देने के बाद भी पेश नहीं होने पर पिछले सप्ताह इमरान के खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए कहा था कि अगर खान सात मार्च को सुनवाई में उपस्थित नहीं हों तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर पेश करे। इमरान ने सात मार्च से पहले गिरफ्तारी को गैर-कानूनी बताते हुए कहा, सरकार उन्हें रास्ते से हटाना चाहती है। कहा, मौजूदा सरकार देश को इतिहास के सबसे खराब दौर में ले आई है। अर्थव्यवस्था डूबी है। लोग महंगाई व कर्ज के बोझ तले दबे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान की कंगाली के पीछे मौजूदा सरकार के नेता हैं, जिन्होंने जनता के पैसे से विदेशों में संपत्तियां खरीद रखी हैं। उन्होंने कहा, सेना और सत्ता में मौजूद लोग उनकी हत्या करना चाहते हैं।

इस तरह समझें तोशाखाना मामला
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर आरोप है कि उन्होंने अपनी संपत्ति के ब्यौरे में जानबूझकर उन तोहफों की जानकारी छिपाई, जो उन्होंने मामूली कीमत अदा कर तोशाखाने से खरीदे थे। तोशाखाना एक तरह का भंडार है, जिसमें पाकिस्तानी सरकार के प्रतिनिधियों को मिलने वाले तोहफों को जमा किया जाता है।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के उपाध्यक्ष और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि वारंट में गिरफ्तारी का कोई उल्लेख नहीं है क्योंकि इस्लामाबाद सत्र अदालत ने उन्हें तोशखाना मामले में सात मार्च को पेश होने के लिए कहा है। प्रधानमंत्री के विशेष सहायक अताउल्ला तरार ने संवाददाताओं को बताया कि इस्लामाबाद पुलिस सात मार्च को तोशखाना मामले में एक अदालत के समक्ष पेश होने के लिए उन्हें एक नोटिस देने के लिए खान के आवास पर गई थी। तब उन्हें मामले में अभ्यारोपित किया जाएगा। तरार ने कहा, आज इमरान खान ने खुद को जमन पार्क के एक कमरे में बंद कर लिया। खान के चीफ ऑफ स्टाफ शिबली फराज ने कहा कि जब इस्लामाबाद पुलिस अदालत का नोटिस देने आई तो वह घर पर नहीं थे। लेकिन खान बाद में अपने घर से पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए दिखाई दिए।

ये कौम अल्लाह के सिवा किसी के सामने नहीं झुकेगी: इमरान
पूर्व क्रिकेटर से राजनेता बने खान ने लाहौर में समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, मैंने आपसे बड़ी अहम बात करनी है। देखिए याद रखें कि ये चोर और डाकू जिधर पाकिस्तान को ले गए हैं, इसका सिर्फ एक कौम मुकाबला कर सकती है। एक हुजूम नहीं मुकाबला कर सकता।  ये कौम किसी के सामने नहीं झुकेगी। अल्लाह के अलावा किसी के सामने नहीं झुकेंगे। हमारी लड़ाई हक की आजादी के लिए है।

फवाद बोले- पाकिस्तान को संकट में नहीं डालने वाला काम न करें
इस बीच पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेता फवाद खान ने कहा कि पुलिस और सरकार को हालात को ठीक से समझना चाहिए। इमरान की गिरफ्तारी की कार्रवाई से हालात बिगड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि मैं पाकिस्तान विरोधी सरकार को चेतावनी देता हूं। सरकार और प्रशासन को पाकिस्तान को संकट में नहीं डालना चाहिए। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से जमान पार्क पहुंचने की अपील की।

पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने पिछले साल 21 अक्तूबर को कहा था कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के प्रमुख इमरान खान ने प्रधानमंत्री के रूप में मिले उपहारों के बारे में गलत घोषणाएं की थीं। बाद में चुनाव आयोग ने तोशाखाना मामले में झूठे बयान और गलत घोषणा करने के लिए इमरान खान को संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया था।

किस मामले में जारी हुआ वारंट?
2018 में सत्ता में आए इमरान खान को आधिकारिक यात्राओं के दौरान अमीर अरब शासकों से महंगे उपहार मिले, जो तोशाखाना में जमा किए गए थे। बाद में उन्होंने उसे प्रासंगिक कानूनों के अनुसार रियायती मूल्य पर खरीदा और उसे भारी मुनाफे पर बेच दिया। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ने सुनवाई के दौरान ईसीपी को बताया था कि राज्य के खजाने से खरीदे गए उपहारों की बिक्री से 21.56 करोड़ रुपये का भुगतान कर लगभग 58 लाख रुपये प्राप्त हुए थे। उपहारों में एक महंगी कलाई घड़ी, कफलिंक की एक जोड़ी, एक महंगा पेन, एक अंगूठी और चार रोलेक्स घड़ियाँ शामिल थीं। इमरान खान के विरोधी दावा कर रहे हैं कि उन्होंने आयकर रिटर्न में बिक्री दिखाने में विफल रहे।

क्या कहता है पाकिस्तान का कानून?
पाकिस्तान के कानून के मुताबिक, किसी विदेशी राज्य के गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त कोई भी उपहार स्टेट डिपॉजिटरी या तोशाखाना में रखा जाना चाहिए। यदि राज्य का मुखिया उपहार को अपने पास रखना चाहता है तो उसे इसके मूल्य के बराबर राशि का भुगतान करना होगा। यह एक नीलामी की प्रक्रिया के जरिए तय किया जाता है। ये उपहार या तो तोशाखाना में जमा रहते हैं या नीलाम किए जा सकते हैं और इसके माध्यम से अर्जित धन को राष्ट्रीय खजाने में जमा किया जाता है।

सत्तारूढ़ गठबंधन के साथियों ने दी थी शिकायत
सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार के सांसदों ने अगस्त में 70 वर्षीय इमरान के खिलाफ पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) में शिकायत दी थी। शिकायत में तोशाखाना (देश का भंडार गृह) से रियायती मूल्य पर खरीदे गए उपहारों की बिक्री से हुई आय का खुलासा नहीं करने के लिए इमरान को अयोग्य ठहराने की मांग की गई थी। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सिकंदर सुल्तान राजा की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय पीठ ने इस्लामाबाद स्थित ईसीपी सचिवालय में फैसला सुनाया और इमरान को अयोग्य करार दे दिया।

पीएम पद से हटाए गए थे इमरान
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने पिछले साल सितंबर में यह स्वीकार किया था कि उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान मिले कम से कम चार तोहफे बेचे थे। इमरान खान 2018 में प्रधानमंत्री बने थे, लेकिन अप्रैल 2022 में संसद में अविश्वास मत के जरिए उन्हें पद से हटा दिया गया था।

पेमरा ने इमरान के भाषण के प्रसारण पर लगाई रोक
पाकिस्तान इलेक्ट्रानिक मीडिया प्राधिकरण (पेमरा) ने रविवार को सभी टीवी चैनलों पर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान के भाषण व प्रेस वार्ता के प्रसारण और पुन: प्रसारण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। इसमें लाइसेंसधारी टीवी चैनलों को राज्य व संस्थानों के खिलाफ किसी भी सामग्री को प्रसारित करने से परहेज करने का निर्देश दिया है। प्राधिकरण ने कहा, इमरान भाषण में सरकारी संस्थान व अधिकारियों के खिलाफ भड़काऊ बयान के माध्यम से आधारहीन आरोप लगा रहे हैं, जो कानून-व्यवस्था के लिए हानिकारक है। इससे सार्वजनिक शांति भंग होने की आशंका है। इसलिए भाषण व प्रेस वार्ता के प्रसारण, पुन: प्रसारण पर रोक लगाई जाती है।

इस रोक के पीछ पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियंत्रण प्राधिकरण (पीईएमआरए) ने पिछले निर्देशों का हवाला दिया, जिसमें सभी लाइसेंसधारियों को सरकारी संस्थानों के खिलाफ किसी भी सामग्री को प्रसारित करने से परहेज करने की हिदायत दी गई थी। प्राधिकरण ने कहा कि खान ने अपने भाषण में, सरकारी संस्थानों और अधिकारियों के खिलाफ अपने भड़काऊ बयानों के माध्यम से आधारहीन आरोप लगाए हैं और नफरत फैलाने वाले भाषण दिए हैं जो कानून- व्यवस्था को बनाए रखने के लिए प्रतिकूल है। पीईएमआरए ने कहा कि इस तरह के भाषणों का प्रसारण करना संविधान और उच्चतम न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन है। उसने टीवी चैनलों को चेतावनी दी कि इसका पालन नहीं करने पर उनके लाइसेंस को निलंबित किया जा सकता है।

इमरान ने पाकिस्तान के चीफ जस्टिस को लिखा पत्र, पेशी के लिए मांगी पर्याप्त सुरक्षा
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान खान ने पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश (सीजेपी) उमर अता बंदियाल को पत्र लिखकर उनके खिलाफ हत्या के संभावित प्रयासों के मद्देनजर अदालत में पेशी के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था का अनुरोध किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व प्रधानमंत्री ने रविवार को लिखे पत्र में कहा है कि मैं एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दे पर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। शासन परिवर्तन अभियान के माध्यम से मेरी सरकार को हटाने के बाद से, मुझे संदिग्ध एफआईआर, धमकियों और अंत में हत्या के प्रयास का सामना करना पड़ा है।

इमरान खान ने देश के पूर्व पीएम होने के बावजूद पर्याप्त सुरक्षा मुहैया नहीं कराने की शिकायत की है। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान प्रधानमंत्री और गृह मंत्री उनके खिलाफ असफल हत्या के प्रयास में शामिल थे।   उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ एक और हत्या के प्रयास के स्पष्ट संकेत हैं।  समाचार रिपोर्ट के अनुसार, खान ने कहा कि अब तक उनके खिलाफ 74 मामले दर्ज किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वह पाकिस्तान की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के अध्यक्ष हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि जीवन का अधिकार संविधान के तहत एक मौलिक अधिकार है और उनके जीवन को गंभीर रूप से खतरा है।

उन्होंने पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध किया कि वे सत्ता में बैठे लोगों से उनके सामने आने वाले खतरे पर कार्रवाई करें और अदालत में उनकी उपस्थिति आवश्यक होने के लिए पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करें। पीटीआई के अध्यक्ष ने अपने जीवन के लिए गंभीर खतरों का हवाला देते हुए अदालत में पेशी के लिए वीडियो लिंक सुविधा का अनुरोध किया।

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