न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री के रूप में अपने पिछले पांच के कार्यकाल पर गौर करते हुए जैसिंडा अर्डर्न ने कहा कि इस दौरान क्षेत्र में चीन का रवैया निस्संदेह पहले से अधिक आक्रामक हुआ है। उन्होंने सचेत किया कि छोटे प्रशांत देशों के साथ संबंध बनाना, दूसरे पर हावी होने की कोशिश करने का खेल नहीं बनना चाहिए। उन्होंने कहा, राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व में हाल के वर्षों में चीन काफी बदल गया है।
अर्डर्न ने एक संयुक्त साक्षात्कार में कहा कि मुझे लगता है यदि मैं थोड़ा दूर से क्षेत्र को देखूं तो हमारे क्षेत्र में हमने जो कुछ बदलाव देखे हैं, उनमें से एक यह है कि हम अधिक आक्रामक चीन को देखते हैं। उन्होंने कहा कि इसके कई कारण होंगे। क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था में उसका एकीकरण, चीन का विकास, उसके मध्यम वर्ग का विकास आदि। अर्डर्न ने कहा कि चीन ने इस वर्ष प्रशांत क्षेत्र में सोलोमन द्वीप समूह के साथ सुरक्षा समझौता किया और फिर सुरक्षा से लेकर मत्स्य पालन तक एक व्यापक समझौते पर 10 प्रशांत देशों से हस्ताक्षर कराने की नाकाम कोशिश की।
इसने अमेरिका सहित कुछ प्रशांत देशों को चिंतित किया, लेकिन अर्डर्न ने इस आलोचना को खारिज कर दिया कि न्यूजीलैंड ने इस साल अपनी पर्याप्त उपस्थिति दर्ज नहीं कराई। उन्होंने कहा कि प्रशांत क्षेत्र में हमारे संबंध पारिवारिक हैं, हम प्रशांत का हिस्सा हैं।
चीन की अंतरिक्ष गतिविधियों पर अमेरिकी नजर
चीनी अंतरिक्ष कार्यक्रम के संभावित खतरों पर अमेरिका पैनी निगाह बनाए हुए हैं। इस संबंध में अमेरिकी अंतरिक्ष कमांड सेना के कमांडर जनरल जेम्स डिकिन्सन ने संयुक्त राष्ट्र में एक प्रस्ताव के पारित होने की सराहना भी की। इसके मुताबिक किसी भी देश को ऐसे एंटी सैटेलाइट परीक्षण नहीं करने चाहिए जिनके चलते अंतरिक्ष मलबा विशाल क्षेत्र में फैलता हो। डिकिन्सन ने कहा कि अमेरिका पृथ्वी की कक्षा में 48,000 से ज्यादा चीजों पर नजर रख रहा है जिनमें उपग्रह, टेलीस्कोप, अंतरिक्ष स्टेशन और सभी तरह के मलबे के टुकड़े शामिल हैं। ये सिर्फ तीन साल पहले 25,000 थे। इस तीन वर्षों में चीन ने कई प्रयोग किए हैं।