बीमारी से ज्यादा सडक दुर्घटनाओं में हो रही मौत – कौशल्यानंद गिरि

किन्नर वेलफेयर बोर्ड, डायट की ओर से यातायात जागरूकता रैली कल,
शामिल होगें बडी संख्या में किन्नर व छात्राध्यापक
प्रयागराज। उप्र किन्नर वेलफेयर बोर्ड की वरिष्ठ सदस्य / किन्नर अखाडा उप्र की प्रदेश अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी कौशल्यानंद गिरि और जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के प्राचार्य राजेन्द्र प्रताप के मार्ग दर्शन में बेहतर और सुरक्षित यातायात जागरूकता के लिए शुक्रवार को सुबह 10.30 बजे से सिविल लाइंस स्थित डायट परिसर से  निकाली जाएगी। जो हनुमान मंदिर चौराहा, डा राममनोहर लोहिया चौराहा, नेता जी सुभाष चंद्र बोस चौराहा से होते हुए पत्थर गिरिजाघर से होते हुए एकलव्य चौराहा से डायट  पर आकर खत्म होगी।  जागरूकता रैली में टीआई पवन कुमार पाण्डेय लोगों को टै्फिक नियमों के पालन, सुरक्षित यातायात सहित अन्य जानकारियां विस्तार से देगे।
उप्र किन्नर वेलफेयर बोर्ड की वरिष्ठ सदस्य और किन्नर अखाडा की प्रदेश अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी कौशल्यानंद गिरि ने लोगों को यातायात के प्रति जागरूक करते हुए कहा कि आज देश में जितनी मौत बीमारी से हो रही है उससे ज्यादा मौत सडक दुर्घटनाओं में हो रही है। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा दु:खद यह है कि सडक दुर्घटना में अधिकतर मरने वाले युवा है। उन्होंने कहा कि सडक दुर्घटना में युवाओं की मौत से जहा परिवार छिन्न भिन्न हो जाता है वही दूसरी ओर परिवार को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पडता है ऐसे में सबसे जरुरी हो गया है कि सडक दुर्घटना रोकने को लेकर समाज के सभी लोग आगे आये।
डायट के प्राचार्य राजेन्द्र प्रताप ने कहा कि बढती हुई सडक दुर्घटना को रोकना बहुत जरुरी हो गया है इससे परिवार और समाज का बडा वर्ग प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि सडक दुर्घटना में युवा पीढी की ज्यादा मौत हो रही है ऐसे में जागरूकता से ही सडक दुर्घटना रोकी जा सकती है। डायट प्राचार्य राजेन्द्र प्रताप ने कहा कि विधालयों में यातायात जागरूकता पढाया जाता और उससे होने वाली क्षति के बारे में भी बताया जाता है लेकिन लोग उसका पालन नही करते है इससे दुर्घटनाएं हो रही है। टीआई पवन कुमार पाण्डेय का कहना है कि यातायात को लेकर लोगों को जागरूक किया जाता है लेकिन लापरवाही से हो रही ड्राइविंग अर्थात तेज रफ्तार, गलत ओवरटेक करने और ड्राइविंग के दौरान झपकी आने से ज्यादा दुर्घटनाएं हो रही है। इसको रोकने के लिए क ई उपाय किये जा रहे है।

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