वैश्विक स्तर पर अति-आवश्यक टीकों की सुलभ उपलब्धता में कई अड़चनें,

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने अपनी ‘वैश्विक वैक्सीन बाजार’ रिपोर्ट बुधवार को प्रकाशित की जिसमें पहली बार वैक्सीन बाजारों पर कोविड-19 महामारी से उपजे प्रभावों की पड़ताल की गई है। साथ ही, विश्व भर में टीकों के विषमतापूर्ण वितरण को भी रेखांकित किया गया है।रिपोर्ट के अनुसार टीकों की सीमित आपूर्ति और असमान वितरण, वैश्विक विषमताओं की मुख्य वजह है। उदाहरणस्वरूप, सर्वाइकल कैंसर के विरुद्ध HPV वैक्सीन को केवल 41 फीसदी निम्न-आय वाले देशों में ही शुरू किया गया है, जबकि इन्हीं देशों में इस बीमारी के अधिकांश मामले सामने आते हैं। इसके विपरीत, उच्च-आय वाले 83 प्रतिशत देशों में यह वैक्सीन उपलब्ध है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ने जोर देकर कहा कि उत्तम स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को पाने के अधिकार में, वैक्सीन उप्लब्धता के अधिकार को भी शामिल किया जाना होगा। उनके अनुसार यह रिपोर्ट दर्शाती है कि मुक्त-बाजार व्यवस्था व तौर-तरीकों के कारण, विश्व के कुछ निर्धनतम देश और सर्वाधिक निर्बल समुदाय इस अधिकार से वंचित हो रहे हैं।

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने वैक्सीन वितरण में अति-आवश्यक बदलाव किए जाने पर बल दिया है, ताकि लोगों की जिंदगी की रक्षा, बीमारी की रोकथाम और भावी संकटों से निपटने की तैयारी सुनिश्चित की जा सके।

सीमित आपूर्ति व्यवस्था

हालांकि दुनिया भर में वैक्सीन उत्पादन क्षमता में वृद्धि हुई है, लेकिन यह अब भी कुछ ही देशों में केंद्रित है। COVID-19 से इतर, अन्य टीकों के लिए दस निर्माता कंपनियां वैक्सीन की 70 प्रतिशत खुराक प्रदान करती हैं। विश्व भर में सर्वाधिक इस्तेमाल में लाई जाने वाली शीर्ष 20 वैक्सीन (PCV, HPV, खसरा, रुबेला, आदि) में से अनेक टीके, मुख्यत: केवल दो आपूर्तिकर्ताओं पर ही निर्भर हैं।

सीमित संख्या में विनिर्माता होने के कारण टीकों की किल्लत होने और क्षेत्रीय स्तर पर आपूर्ति न हो पाने का खतरा होता है। वर्ष 2021 में, अफ्रीकी और पूर्वी भूमध्यसागर क्षेत्र में स्थित देश अपने 90 फीसदी टीकों के लिए किसी अन्य देश में स्थित विनिर्माता कंपनी पर निर्भर थे। वैक्सीन की सुलभता में एक बड़ा अवरोध उनकी कीमत भी है जोकि कुछ देशों की पहुंच से बाहर है।

अधिक कीमत एक अवरोध

टीकों की कीमतों को अक्सर आय के आधार पर तय किया जाता है मगर अनेक वैक्सीन उत्पादों के लिए मध्यम-आय वाले देशों को अक्सर, संपन्न देशों जितने, या कभी-कभी उससे अधिक दाम चुकाने पड़ते हैं। पिछले वर्ष 141 अरब डॉलर मूल्य की 16 अरब वैक्सीन खुराकों की आपूर्ति की गई थी। यह आंकड़ा वर्ष 2019 में पांच अरब 80 करोड़ खुराकों का लगभग तीन गुना और उसी दौरान 38 अरब डॉलर बाजार मूल्य का साढ़े तीन गुना है।

कोविड-19 वैक्सीन के कारण मुख्यत: यह वृद्धि देखी गई, जो यह भी दर्शाता है कि स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए वैक्सीन विनिर्माता किस तरह अपने उत्पादन का स्तर बढ़ा सकते हैं। यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने सरकारों, विनिर्माता कंपनियों और साझेदार संगठनों से महत्वाकांक्षी कदम उठाने की मांग की है, ताकि टीकों की सुलभता सुनिश्चित की जा सके और भावी महामारियों से निपटने की कार्रवाई को बेहतर बनाया जा सके।

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