यूक्रेन विवाद पर रुचिरा ने रखा भारत का पक्ष, कहा- यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए गंभीर चिंता का विषय

संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक में यूक्रेन विवाद पर भारत का पक्ष रखा। रुचिरा कंबोज ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष का प्रक्षेपवक्र अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए गंभीर चिंता का विषय है। भारत ने बार-बार शत्रुता को तत्काल समाप्त करने और बातचीत एवं कूटनीति के माध्यम से इस संघर्ष को हल करने की आवश्यकता का आह्वान किया है।

कंबोज ने कहा कि उज्बेकिस्तान के समरकंद में हाल ही में हुए एससीओ शिखर सम्मेलन से इतर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी यह बात स्पष्ट रूप से कहा था। हमारा दृढ़ विश्वास है कि वैश्विक व्यवस्था अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और राज्यों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान पर आधारित होनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि यूक्रेन संघर्ष के लिए भारत का दृष्टिकोण मानव-केंद्रित बना रहेगा, हम अपनी ओर से यूक्रेन को मानवीय सहायता और आर्थिक संकट के तहत वैश्विक दक्षिण में अपने कुछ पड़ोसियों को आर्थिक सहायता प्रदान कर रहे हैं।

अमेरिका ने यूएनएससी में पुतिन पर साधा निशाना
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की स्थायी प्रतिनिधि लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि “पिछले हफ्ते 100 से अधिक देशों के नेता संयुक्त राष्ट्र चार्टर के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए न्यूयॉर्क में एकत्रित हुए। एक उच्च-स्तरीय सप्ताह में भाग लेने के बजाय, राष्ट्रपति पुतिन ने रूस में नए सिरे से भर्ती की घोषणा की। उन्होंने अवैध रूप से अचानक जनमत संग्रह की तैयारी के लिए रूस के सैन्य नियंत्रण वाले क्षेत्रों को निर्देश दिया।

लिंडा ने आगे कहा कि “पुतिन ने रूस के नाजायज सैन्य लाभ को सुरक्षित करने के लिए एक गैर-परमाणु देश पर परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी दी। इन सबका उद्देश्य स्पष्ट है कि रूस इस निकाय का सम्मान नहीं करता है।”

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