मकर संक्रान्ति 15 जनवरी को, लगेगी आस्था की डुबकी

प्रयागराज। मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जा रहा है एवं इस दिन से पंचक, खरमास और अशुभ समय समाप्त हो जाएगा और विवाह, ग्रह प्रवेश आदि के शुभ कार्य शुरू हो जाएंगे। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार बुधवार को मकर संक्रान्ति सुबह 7.54 बजे से शुरू होगी। इस दिन स्नान-दान का शुभ मुहूर्त सूर्योदय से सूर्यास्त तक रहेगा।
मकर संक्रांति के दिन सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण में आ जाते हैं। उत्तरायण में सूर्य रहने के समय को शुभ समय माना जाता है और मांगलिक कार्य आसानी से किए जाते हैं। चूंकि पृथ्वी दो गोलार्धों में बंटी हुई है ऐसे में जब सूर्य का झुकाव दक्षिणी गोलार्ध की ओर होता है तो इस स्थिति को दक्षिणायन कहते हैं और सूर्य जब उत्तरी गोलार्ध की ओर झुका होता है तो सूर्य की इस स्थिति को उत्तरायण कहते हैं। इसके साथ ही 12 राशियां होती हैं जिनमें सूर्य पूरे साल एक-एक माह के लिए रहते हैं। सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे ’मकर संक्रांति’ कहते हैं।
सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश (संक्रमण) का दिन मकर संक्रांति के रूप में जाना जाता है। इस दिवस से मिथुन राशि तक में सूर्य के बने रहने पर सूर्य उत्तरायण का तथा कर्क से धनु राशि तक में सूर्य के बने रहने पर इसे दक्षिणायन का माना जाता है। सूर्य का धनु से मकर राशि में संक्रमण प्रति वर्ष लगभग 20 मिनट विलम्ब से होता है। स्थूल गणना के आधार पर तीन वर्षों में यह अंतर एक घंटे का तथा 72 वर्षो में पूरे 24 घंटे का हो जाता है। यही कारण है कि अंग्रेजी तारीखों के मान से मकर संक्रांति का पर्व 72 वर्षों के अंतराल के बाद एक तारीख आगे बढ़ता रहता है।

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