प्रयागराज। नेहरू ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 काे सत्र 2022-23 से लागू करने के लिये एक बैठक शाेध केन्द्र परिसर में समन्वयक डॉ. हिमांशु शेखर सिंह के संयोजन में आयोजित की गई। बैठक में भारत सरकार की महत्त्वाकांक्षी *नयी शिक्षा नीति-२०२०* के विभिन्न प्रावधानों को नेहरू ग्राम भारती मानित् विश्वविद्यालय द्वारा संचालित पाठ्यक्रमों में शामिल करने की व्यावहारिकता और एतद् विषयक आसन्न चुनौतियों पर विचार विमर्श किया गया।
कुलपति प्राे. संजय श्रीवास्तव ने अपने उद्बाेधन में नई शिक्षा नीति की विश्वविद्यालय में उपयाेगिता की चर्चा की। प्रतिकुलपति डॉ. एस. सी. तिवारी ने नयी शिक्षा नीति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसमें किस तरह स्नातक स्तर पर सर्टिफिकेट, डिप्लाेमा और डिग्री काे वर्ष के क्रम में प्रदान किया जा सकता है।
डॉ. हिमांशु टण्डन ने पूर्व कृत कार्यों का विवरण तथा वर्तमान समिति से अपेक्षा की ओर ध्यान आकृष्ट किया। डॉ. आदिनाथ ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम की क्या विशेषताएँ हाेंगी, पाठ्यक्रम कितना समावेशी और लचीला हाेगा। साथ ही पाठ्यक्रम की संरचनात्मकता और कृयात्मकता पर प्रकाश डाला। अच्युत कुमार ने उच्च शिक्षा में नई शिक्षा नीति काे चरणबद्ध तरीके से लागू करने के प्रावधान के बारे मे बताया। डॉ. संजय कुमार भारती ने नई शिक्षा नीति के सर्वाधिक प्रमुख बिन्दु पर चर्चा की। पंकज कुमार यादव ने नयी शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में यांत्रिक बौद्धिकता एवं डिजिटल संयाेजन की चर्चा की। डॉ. आशीष शिवम ने सीबीसीएस व्यवस्था और उसके लाभ काे विस्तार से बताते हुए यूजी स्तर पर भी इसे लागू करने पर बल दिया। इंदल कुमार ने अपेक्षाकृत कमजोर बच्चों के लिए शिक्षा-प्रबंधन एवं मुख्य प्रावधानों की चर्चा की। डॉ. स्वप्निल त्रिपाठी ने एनईपी -2020 के लाभ का उल्लेख करते हुए बताया कि शिक्षा में ड्राप आउट्स की संख्या घटेगी।
अन्त में कुलपति ने नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए उपयुक्त व्यवस्था हेतु उपस्थित सदस्यों में कार्य वितरण किया। कार्यक्रम का संचालन समिति के संयाेजक डॉ. हिमांशु शेखर सिंह तथा धन्यवाद डॉ. हिमांशु टण्डन ने किया।