इमरान ने किया ‘धमकी भरे पत्र’ का जिक्र, कहा- मुझे हटाने के पीछे एक विदेशी मुल्‍क

इमरान खान ने गुरुवार को संकेत दिया कि नेशनल असेंबली में बहुमत खोने के बावजूद वे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि वे रविवार को अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने को तैयार हैं। राष्ट्र के नाम एक संबोधन में, 69 वर्षीय खान ने ‘धमकी भरे पत्र’ पर भी चर्चा की, जिसमें कथित तौर पर उनकी गठबंधन सरकार को गिराने के लिए एक विदेशी साजिश का जिक्र करते हुए सुबूत दिए गए हैं। टीवी पर लाइव प्रसारण में उन्होंने इस खतरे के पीछे अमेरिका का नाम लिया।इमरान खान ने कहा कि अभी आठ मार्च या इससे पहले सात मार्च को हमें एक अमेरिका ने… बाहर से एक मुल्‍क ने… मेरा मतलब किसी बाहरी मुल्‍क से हमें संदेश आता है जिसमें बताया जाता है कि वे पाकिस्तान पर क्यों गुस्सा हैं। उनका कहना था कि यदि अविश्‍वास प्रस्‍ताव के जरिए इमरान खान को हटा दिया जाता है तो पाकिस्तान को माफ कर दिया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं होने पर पाकिस्तान को मुश्किल वक्‍त का सामना करना पड़ेगा। यह केवल इमरान खान के खिलाफ नहीं वरन पूरी आवाम के खिलाफ है।

पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि हैरानी की बात है कि यह चेतावनी किसी प्रधानमंत्री के खिलाफ नहीं केवल इमरान के खिलाफ थी। किसी चुने हुए प्रधानमंत्री के खिलाफ कोई दूसरा मुल्‍क इस तरह की बातें नहीं कर सकता है लेकिन ऐसा किया गया है और यह रिकार्डेड है। आधिकारिक दस्‍तावेज में ऐसी बात कही गई है।

विदेशी ताकतों के संपर्क में विपक्ष

इमरान ने कहा कि पत्र में कहा गया है कि अविश्वास प्रस्ताव दाखिल होने से पहले ही पेश किया जा रहा था। जिसका आशय है कि विपक्ष, विदेशी ताकतों के संपर्क में था। उन्होंने कहा कि पत्र उनके खिलाफ था, सरकार के खिलाफ नहीं। खान ने कहा कि यह एक आधिकारिक पत्र था जिसे पाकिस्तान के राजदूत को दिया गया था, जो बैठक के दौरान नोट्स ले रहे थे।

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