Share Market पर इस सप्ताह वैश्विक रुझानों, मुद्रास्फीति के आंकड़ों और कंपनियों की आय का दिखेगा असर

विश्लेषकों ने कहा कि भू-राजनीतिक चिंताओं और ब्याज दरों में तेज बढ़ोतरी की बढ़ती उम्मीदों के बीच घरेलू इक्विटी बाजारों में इस सप्ताह सीमाबद्ध व्यापार में अस्थिरता दिखने की संभावना है। विश्लेषकों का कहना है कि वैश्विक रुझान, मुद्रास्फीति के आंकड़े और तिमाही आय के आखिरी आंकड़े इस सप्ताह बाजार को प्रभावित करेंगे। इसके अलावा रुपये की चाल, एफआईआई निवेश पैटर्न और ब्रेंट क्रूड के रुझान पर भी निवेशकों की नजर रहेगी।स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, “अमेरिका में रिकॉर्ड मुद्रास्फीति के बाद ब्याज दरों में तेज वृद्धि की उम्मीदों के साथ विश्व बाजार समायोजित करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन बढ़ता भू-राजनीतिक तनाव चीजों को और खराब करने की कोशिश कर रहा है।” घरेलू मोर्चे पर, मुद्रास्फीति के आंकड़े इस सप्ताह जारी किए जाएंगे, जबकि कमाई सत्र के अंत में कुछ व्यक्तिगत शेयरों पर असर पड़ेगा।

मीणा ने कहा, “राजनीतिक मोर्चे पर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर के विधानसभा चुनावों के घटनाक्रम पर करीब से नजर रखी जाएगी।” उन्होंने कहा कि एफआईआई का व्यवहार भी एक महत्वपूर्ण कारक होगा क्योंकि वे लगातार बिकवाली कर रहे हैं।

सैमको सिक्योरिटीज की इक्विटी रिसर्च प्रमुख यशा शाह ने कहा कि विश्व स्तर पर निवेशकों का ध्यान अमेरिका की मुद्रास्फीति और फेड की कार्रवाई को स्पष्ट समझने पर होगा। इसके अलावा चीन के मुद्रास्फीति डेटा पर भी नजर रहेगी। डी-स्ट्रीट निवेशक घरेलू मुद्रास्फीति दर पर कड़ी नजर रखेंगे। इन घटनाओं को देखते हुए, बाजारों में काफी हद तक अस्थिर और सीमाबद्ध रहने की उम्मीद है।”

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