रानी लक्ष्मी बाई की 193वीं जयंती के मौके पर इंदौर की 101 लड़कियों के लिए तलवार से जंग लड़ने की ट्रेनिंग देने का इंतजाम किया गया। ट्रेनिंग पाने वाली युवती ने बताया कि मैं लोगों को बताना चाहती हूं कि आज की लड़कियां अपनी आत्मरक्षा खुद कर सकती हैं। सभी लड़कियां गलत का विरोध करें और इसके खिलाफ आवाज उठाएं और अपनी आत्मरक्षा खुद करें।
मध्य प्रदेश: रानी लक्ष्मीबाई की जयंती के अवसर पर इंदौर में 101 लड़कियों ने तलवार चलाने का प्रशिक्षण लिया।
एक युवती ने बताया, “मैं लोगों को बताना चाहती हूं कि आज की लड़कियां अपनी आत्मरक्षा खुद कर सकती हैं। सभी लड़कियां ग़लत के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाएं और अपनी आत्मरक्षा खुद करें।इस इवेंट का उद्घाटन इंदौर के सांसद शंकर लालवानी ने किया। इसे नमो नमो शंकरा ने गुरुवार को आयोजित किया था। रानी लक्ष्मी बाई के वेश में आई लड़की शिया बर्थरे ने कहा कि लड़कियों को उन्होंने आत्म रक्षा की ट्रेनिंग दी।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 नवंबर को झांसी का दौरा करेंगे। वहां प्रधानमंत्री महारानी लक्ष्मीबाई की जयंती के मौके पर झांसी किले में नए सिरे से लाइट एंड साउंड शो का शुभारंभ करेंगे। साथ ही किले को भी देखेंगे। प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत के लिए किला सज संवर कर तैयार है।
वाराणसी में 19 नवम्बर 1828 को लक्ष्मीबाई का जन्म हुआ था। उनके बचपन का नाम मणिकर्णिका था लेकिन प्यार से उन्हें मनु कहा जाता था। उनकी मां का नाम भागीरथीबाई और पिता का नाम मोरोपंत तांबे था।सन् 1842 में वे झांसी के मराठा शासित राजा गंगाधर राव नेवालकर के साथ परिणय सूत्र में बंधीं। इसके बाद वे झांसी की रानी बनीं। 1851 में रानी लक्ष्मीबाई मां बनी लेकिन चार महीने की उम्र में ही उनके नवजात पुत्र की मृत्यु हो गई। सन् 1853 में राजा गंगाधर राव का स्वास्थ्य बहुत अधिक बिगड़ जाने पर उन्हें दत्तक पुत्र लेने की सलाह दी गयी। पुत्र गोद लेने के बाद 21 नवम्बर 1853 को राजा गंगाधर राव का भी निधन हो गया।