भारतीय विमानन कंपनियों को वित्त वर्ष 2019-20 में सम्मिलित रूप से 60 करोड़ डॉलर (4,230 करोड़ रुपये) से अधिक का घाटा हो सकता है जबकि पहले कंपनियों के कुल मिला कर फायदे में रहने का अनुमान था।विमानन क्षेत्र पर परामर्श देने वाली कंपनी सीएपीए ने जून के पूर्वानुमान में कहा था कि भारतीय विमानन कंपनियों को 2019-20 में सम्मिलित तौर पर 50-70 करोड़ डॉलर का शुद्ध लाभ हो सकता है। सीएपीए इंडिया का वित्त वर्ष 2019-20 का अनुमान सही निकला तो यह घरेलू विमानन क्षेत्र के लिए 16 साल से अधिक की अवधि का सबसे खराब वर्ष साबित होगा।फर्म ने अपनी एक ताजा रपट में कहा है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान नवंबर अंत के आकलन के हिसाब से घरेलू विमानन कंपनियों को सम्मिलित तौर पर 60 करोड़ डॉलर से अधिक का घाटा उठाना पड़ सकता है। सीएपीए की राय में स्थानीय एयरलाइनें जेट एयरवेज के बंद होने और ईंधन सस्ता होने का पूरा लाभनहीं उठा सकीं।
Related posts
-
जानिए आयुष्मान भारत योजना अंतर्गत 5 लाख तक का मुफ्त इलाज पाने के लिए किन-किन दस्तावेजों की पड़ेगी जरूरत?
आयुष्मान भारत योजना अंतर्गत 5 लाख तक का मुफ्त इलाज पाने के लिए आपके पास कुछ... -
Market में आया असली जैसा नकली 500 रुपये का नोट, MHA ने जारी किया हाई अलर्ट, ऐसे करेंगे फर्क
इन दिनों बाजार में 500 रुपये का एक नकली नोट आया है। ये नोट पूरी तरह... -
एक्स को ‘भारत में नंबर 1 न्यूज़ ऐप’ बताने वाले पोस्ट पर Elon Musk ने दी ये प्रतिक्रिया
स्पेसएक्स और एक्स के मालिक एलन मस्क ने अपने प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर की...