भ्रष्टाचार के समाधान के लिए शिक्षा प्रणाली को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता : न्यायमूर्ति रण विजय सिंह

भ्रष्टाचार मुक्त समाज की दिशा में मार्गदर्शन करने में शिक्षकों और विभागीय प्रमुखों की बड़ी भूमिका है: न्यायमूर्ति रण विजय सिंह

उत्तर मध्य रेल मुख्यालय में “स्‍वतंत्र भारत @ 75 : सत्यनिष्ठा से आत्मनिर्भरता’’ विषय पर सतर्कता सेमिनार का आयोजन

उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय में सतर्कता जागरूकता सप्ताह के आयोजनों के तहत आज दिनांक 01.11.2021 को ‘‘स्‍वतंत्र भारत @ 75 : सत्यनिष्ठा से आत्मनिर्भरता’’ विषय पर एक सतर्कता सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार में मुख्य अतिथि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त माननीय न्यायाधीश श्री रणविजय सिंह जी थे एवं संगोष्ठी की अध्यक्षता महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे श्री प्रमोद कुमार ने की।

माननीय न्यायाधीश श्री रणविजय सिंह एवं महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे श्री प्रमोद कुमार का इस सेमिनार में आगमन पर मुख्य सतर्कता अधिकारी एवं वरिष्ठ उप महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे श्री नवीन कुमार ने स्वागत किया। बैठक को संबोधित करते हुए महाप्रबंधक श्री प्रमोद कुमार ने कहा कि, सत्यनिष्ठा और नैतिकता ऐसे मूल्य हैं जिनके बिना कोई भी राष्ट्र महान और समृद्ध बनने की आशा नहीं कर सकता। केवल नियमों और विनियमों के निर्माण से भ्रष्टाचार को समाप्त नहीं किया जा सकता है। इसके लिए यह आवश्यक है कि सत्यनिष्ठा और नैतिकता हमारे सभी कार्यों को का आधार हो- चाहे वह सांगाठनिक स्तर पर हो या व्यक्तिगत स्तर पर। उन्होंने आगे कहाकि, स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर, इस वर्ष की थीम हम सभी को – विशेष रूप से युवा पीढ़ी को – ईमानदारी और नैतिक आचरण के पथ पर खुद को अग्रसर होने के लिए प्रेरक सिद्ध होगी।

भारतीय रेल के संबंध में चर्चा करते हुए  उन्होंने कहा कि,  भारत में कोई भी सार्वजनिक या निजी क्षेत्र का संगठन सुनिश्चित सेवा के मामले में भारतीय रेलवे का कोई मेल नहीं है, यह दिन में 24 घंटे और साल में 365 दिन सेवा प्रदान करती है। भारतीय रेल हमारे लोगों के जीवन के साथ इतनी अटूट रूप से जुड़ी है कि एक आधुनिक भारतीय रेल प्रणाली के बिना आत्मनिर्भर भारत की कल्पना असंभव है । रेल द्वारा ई-ऑफिस, ई-टेंडरिंग, ई-नीलामी आदि प्रौद्योगिकी आधारित पहल पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम हैं।

सतर्कता जागरूकता सप्ताह, 2021 के अवसर पर, रेल कर्मियों को संकल्प लेने का आह्वान किया कि वो अपने सारे निर्णय केवल राष्ट्र, रेल और इसके उपयोगकर्ताओं के हित को ध्यान में रख कर किये जाएंगे।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि माननीय न्यायाधीश श्री रणविजय सिंह ने आत्मनिर्भरता और सत्यनिष्ठा के महत्व को रेखांकित किया। न्यायमूर्ति सिंह ने कहा कि ये मूल्य प्राचीन काल से भारतीय संस्कृति में समाहित हैं। उन्होंने कहा कि, समय के साथ सामाजिक मूल्यों में गिरावट आई है। इसे पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है। मुख्य अतिथि ने शिक्षा सुधारों पर बल देते हुए कहा कि शिक्षा प्रणाली में खामियां नैतिक मूल्यों में गिरावट का कारण बन रही हैं और “मूल्यों की पुनर्स्थापना समय की पुकार है”।

सत्यनिष्ठा पर बोलते हुए माननीय न्यायधीश ने महर्षि दधीच, महर्षि वशिष्ठ का उदाहरण दिया।

इस संगोष्ठी में वरिष्ठ उप महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे श्री नवीन कुमार ने ‘‘स्‍वतंत्र भारत @ 75 : सत्यनिष्ठा से आत्मनिर्भरता’’ विषय पावर प्वाइंट प्रस्तुतिकरण किया। इस प्रस्तुतिकरण के दौरान उन्होंने विभागीय कार्यों के दौरान सतर्कता के पहलुओं के बारे में विस्तार से बताया। इस दौरान मुख्य सतर्कता अधिकारी/इंजीनियरिंग श्री देवेंद्र सिंह ने भी अपने विचार रखे।

सेमीनार का संचालन उप मुख्य सतर्कता अधिकारी/ट्रैफिक श्री ब्रिजेश मिश्र ने किया।

इस अवसर पर सतर्कता जागरूकता पत्रिका “जागृति ” का विमोचन किया गया। धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उप मुख्य सतर्कता अधिकारी/ भंडार श्री अंकुर चंद्रा ने जागृति पत्रिका के बारे में भी बताया और कहा कि इस पत्रिका में प्रणाली सुधार, पुराने केसों आदि के विषय में विस्तृत जानकारी दी गई है और आशा व्यक्त की कि, यह पत्रिका और पूरे सतर्कता जागरूकता सप्ताह के दौरान आयोजित कार्यक्रमो से उपजे विमर्श से रेल कर्मियों के मध्य  सतर्कता के विषय में व्यापक जानकारी प्रसारित हुई होगी।

इस संगोष्ठी में सतर्कता विभाग के उप मुख्य सतर्कता अधिकारी श्री अजय साहनी, एवं धर्मेंद्र कुमार सहित उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय के सभी प्रमुख विभागाध्यक्ष, अन्य अधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। तीनों मंडलों के मंडल रेल प्रबंधक वेब लिंक के माध्यम से इस सेमिनार से जुड़े।

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