प्रयागराज ! बहरिया,कई वर्ष पूर्व शासनादेश के बाद की मूर्तियां में इस्तेमाल करने वाले पेंट बहुत ही खतरनाक होते हैं इसलिए गंगा जमुना आदि नदियों में मूर्ति विसर्जन नहीं किया जाएगा। इस के आदेश के बाद स्थानीय प्रशासन क्षेत्र में हर जगह मूर्ति विसर्जन के लिए प्रस्तावित जगह की अनुमति दी है जहां लोग अपनें अपनें क्षेत्र के नहरों या तालाबों में मूर्तियां विसर्जन करते हैं। सिकंदरा के बीरगंज, दौलतपुर , बिजली पुर , दोनईया, और बीरभानपुर ,के पास से गुजरी शारदा सहायक खंड 39 नहर में मूर्ति विसर्जन के लिए स्थानीय प्रशासन ने चिन्हित किया है। लेकिन इस समय नहरों में पर्याप्त पानी ना होने के कारण मूर्ति विसर्जन करने वाले लोगों में बहुत आक्रोश है । किस प्रकार मूर्तियों को इस थोड़े से पानी में विसर्जित करेंगे क्षेत्र में स्थापित की गई देवी मूर्तियों के पंडाल के अध्यक्षों व पदाअधिकारियों नें प्रशासन से मांग की है कि क्षेत्र की सैकड़ों मूर्तियां इस नहरों में विसर्जित की जाती हैं लेकिन दशहरे के ही दिन ही मूर्तियों का विसर्जन होना है ।इस प्रकार इस में पानी ना होने के कारण मूर्ति विसर्जन करने में बहुत ही परेशानी होगी क्षेत्र के लोगों नें नहर विभाग के अधिकारियों से इसके लिए अवगत कराया है ।कि जल्द से जल्द पानी को छोड़ा जाए नहीं हम मूर्ति विसर्जन नहीं करेंगे देवी की मूर्ति विसर्जन करने वाले लोगों में बहुत ही आक्रोश है ।
नहरों में पानी छोड़ने का कोई आदेश नहीं है। जो बहता हुआ पानी है वही नहरों में चल रहा है पानी आगे से ही बंद कर दिया गया है। जब ऊपर से पानी नहीं आएगा तो हम लोग कहां से पानी दे पाएंगे ।