चीन-हांगकांग विवाद एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी चर्चा का विषय बन गया है। चीन द्वारा पिछले वर्ष लागू किए गए सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के बाद से हांगकांग से हजारों लोग अपने आशियाने को छोड़ ब्रिटेन रुकसत कर रहे हैं। लोगों को इस बात का भय सता रहा है कि लोकतंत्र की मांग वाले प्रदर्शनों के समर्थन किए जाने की वजह से उन्हें दंडित किया जा सकता है। वहीं कुछ लोगों ने नागरिकों की स्वतंत्रता पर चीन के अतिक्रमण को असहनीय बताया है। जिसकी वजह से लोग भारी तादाद में अपने बच्चों के बेहतर भविष्य की खातिर पराये देश में बसने को मजबूर हो गए। ब्रिटिश नेशनल ओवरसीज वीजे के लिए रविवार यानी आज से आवेदन के आधिकारिक रूप से आमंत्रित किए जाने की खबर है। लेकिन कई लोग तो पहले ही ब्रिटेन पहुंच चुके हैं। हालांकि हांगकांग के निवासी छह महीने के लिए ब्रिटेन आ सकते थे। लेकिन आज के बाद से वे पांच साल तक देश में रहने और यहां काम करने के अधिकार के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद वे यहां बसने और फिर ब्रिटिश नागरिकता हासिल करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। ब्रिटेन ने जुलाई में घोषणा की थी कि वह हांगकांग के 50 लाख लोगों के लिए विशेष आव्रजन मार्ग खोलेगा, ताकि वे ब्रिटेन में रह सकें, काम कर सकें और अंतत: यहां बस सकें। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि यह प्रस्ताव दर्शाता है कि ब्रिटेन हांगकांग के साथ अपने ‘‘मजबूत संबंधों के इतिहास’’ का सम्मान कर रहा है।
हांगकांग पहले ब्रिटेन का उपनिवेश था, लेकिन बाद में इस समझौते के साथ वह 1997 में चीन के अधीन आया कि उसकी पश्चिमी शैली की आजादी और राजनीतिक स्वायत्ता बरकरार रहेगी। ‘ब्रिटिश नेशनल ओवरसीज’ वीजा के लिए रविवार से आवेदन आधिकारिक रूप से आमंत्रित किए जाएंगे, लेकिन कई लोग पहले की ब्रिटेन पहुंच चुके हैं। पात्र हांगकांग निवासी अभी छह महीने के लिए ब्रिटेन आ सकते हैं, लेकिन रविवार से वे पांच साल तक देश में रहने एवं यहां काम करने के अधिकार के लिए आवेदन कर सकते है। इसके बाद, वे यहां बसने और अंतत: ब्रितानी नागरिकता हासिल करने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
ब्रिटेन और चीन में तनातनी
ब्रिटेन सरकार ने कहा कि जुलाई से ‘ब्रिटिश नेशनल ओवरसीज’ (बीएनओ) दर्जे वाले करीब 7,000 लोग ब्रिटेन पहुंचे हैं। इस बीच, चीन ने कहा है कि वह अब ‘ब्रिटिश नेशनल ओवरसीज’ पासपोर्ट को वैध यात्रा दस्तावेज अथवा पहचान पत्र के रूप में मान्यता नहीं देगा। चीन का यह बयान हांगकांग के लाखों लोगों को नागरिकता देने की ब्रिटेन की योजना के बाद दोनों देशों में तनाव बढ़ने के बीच आया है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता झाओ लिजिआन ने शुक्रवार को इस आशय की घोषणा की थी।