एक क्रिकेटर के तौर पर विराट कोहली का कोई जोड़ नहीं है। बल्लेबाजी, फील्डिंग, फिटनेस और आक्रामकता में उनका कोई सानी नहीं है। वह वर्तमान समय में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर हैं लेकिन कप्तान के तौर पर वह चोकर साबित हो रहे हैं। वह चाहे टीम इंडिया की कप्तानी कर रहे हों या रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) की, बड़े टूर्नामेंट में उनके फैसले गलत साबित होते हैं। उनके चाहने वाले तर्क दे सकते हैं कि उन्होंने भारत को 89 में 62 वनडे, 55 में 33 टेस्ट जिताए हैं।ह भारत को सबसे ज्यादा टेस्ट विजय दिलाने वाले कप्तान हैं। उन्होंने अंडर-19 विश्व कप में भी जीत दिलाई थी। ये सारी बातें सही हैं लेकिन यह भी सच है कि वह बड़े टूर्नामेंट में जाकर फिसड्डी हो जाते हैं। वह टीम इंडिया को एक भी आइसीसी ट्रॉफी नहीं दिला पाए हैं। वह आरसीबी की आठ साल से कप्तानी कर रहे हैं और एक बार भी चैंपियन नहीं बने हैं। आइपीएल में किसी भी कप्तान को बिना ट्रॉफी दिलाए इतने लंबे समय तक कप्तानी करने का मौका नहीं मिला है।
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