दिनेश तिवारी
प्रयाग-प्रयागराज…यह केवल एक शहर का नाम नहीं है बल्कि यह महान इतिहास की गाथा का शीर्षक है जिसके बारे में हमारी पौराणिक ग्रंथों एवं अभिलेखों में उल्लेखित है। महर्षि वाल्मीकि के द्वारा लिखी रामायण में प्रयाग की महत्ता का वर्णन किया है साथ ही आज लिखी जाय तो आधुनिक ग्रंथ बन जाएगी। मुगल काल के अकबर का किला,अक्षयवट,सरस्वती कूप तो है ही ब्रिटिश साम्राज्य के दौरान पहली रेल गाड़ी और व्यापार का प्रमुख केंद्र रहा है।भारत को सांस्कृतिक रूप से एक करने वाले विशाल समृद्ध राज्य उत्तर प्रदेश की दूसरी राजधानी के रूप में भी इस शहर को माना जाता है क्योंकि यहां देश का प्रसिद्ध ऐतिहासिक हाईकोर्ट के साथ इलाहाबाद विश्वविद्यालय के अलावा दो दिलों को जोड़ने वाली धारा संगम जहाँ प्रतिवर्ष महर्षि भारद्वाज की कल्पना को साकार रूप माघ मेला और 6 वर्ष में अर्द्धकुंभ/कुंभ तथा 12 वर्ष में महाकुंभ का ऐतिहासिक पौराणिक धरोहर के रूप में विश्व विख्यात पहचान स्थापित कर चुका है।
बारह विधानसभाओं के इस ऐतिहासिक जनपद में एक विधानसभा शहर पश्चिमी के नाम से पूरा उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरे भारत की जनता जानती है।एक समय ऐसा था कि अगर शहर पश्चिमी में रहने वाले लोगों से आप पूछें और प्रयागराज ही नहीं अन्य जनपदों के लोगों से पूछे तो कोई भी शहर पश्चिमी जाना नहीं चाहता था।शहर पश्चिमी की ज़रा वर्ष 2017 के पहले की राजनीतिक,सामाजिक और प्रशासनिक परिस्थितियों का वर्णन करें तो वह जो आपको बताएंगे वह आप की कल्पना से भी ज़्यादा भयावह और जरायम की दुनिया के रूप विख्यात हो गया था, राजू पाल नाम का जो कभी उनका शूटर हुआ करता है वह अपराधियों के बादशाह से बगावत कर चुनाव लड़ गया तो समाजवादी की सरकार में पूरा पुलिस अमला के सामने किसी फिल्म ट्रेलर की तरह राजू पाल का मर्डर और सुलेमसराय से लेकर जीवन ज्योति अस्पताल तक का सीन प्रयागराज वासी के जेहन से कभी नहीं भूल सकते लोगों को रूह कॉफ जाते थे। शहर पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र अपराधियों का पनाहगाह था जिसकी पहचान खराब सड़कें,मुहल्लों में गंदगी ही नहीं भूमि कब्जा,रंगदारी वसूली,हत्या,सरेआम लूट जैसी प्रदूषण अर्थात असुरक्षा के माहौल के रूप बन चुकी थी। देखते देखते दिहाड़ी मजदूर ट्रैक्टर चलाने वाला अरबों का बादशाह बन गया।इतना ही नहीं विधायक सांसद बनकर बाबा भीम राव अम्बेडकर के कानून को तार तार कर लोगों का जीना मुहाल कर दिया था।इशारे पर शहर पश्चिमी के नागरिक नाचने पर मजबूर थे। आज के डिप्टी सीएम भी चुनाव लड़कर जमानत नहीं बचा पाए।डर और दहशत एवं आतंक के कारण शहर पश्चिमी का वासी खुले मन से अपने मतों का नहीं कर पाता था जो विपरीत गया तो शहर व गांव छोड़कर जान बचाने के लिए भागने पर मजबूर था।शहर और गांव के लोगों की मन ही मन आतंक से ग्रस्त हो चुके थे,लोग अपने विधानसभा क्षेत्र की बदहाली देख कर घर छोड़ने का दौर कोई नहीं बताना चाहेगा, समय अपनी गति से चल रहा था और शहर पश्चिमी अपनी दूसरी आज़ादी पाने के लिए कृष्ण के रूप में भगवान याद कर रहे थे, माँ अपने बच्चे को यह कहा करती थी जल्द सो जाय नहीं तो तैमूर आएगा उठाकर ले जाकर मार डालेगा। भाजपा एवं अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं को खुली सांस लेना मुश्किल था। पहले की कई सरकारों ने अपराध को संरक्षण देकर बढ़ावा दिया। जरायम की दुनिया को सबल देने में तत्कालीन पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ उक्त दौर के यूपी सरकार के मंत्रियों का भी योगदान रहा है।बसपा सरकार के समय में जरायम की दुनिया को तहस नहस की कार्यवाही हुई तो सत्ता बदलते ही सब कुछ बदल गया,जो अफसर कार्यवाही में लिप्त थे, लोगों का व्यवहार अपराधियों की तरह बदल चुका था अपराधियों के यहाँ दरबार लगने में योगदान देने लगे, अचानक वर्ष 2014 में नए मोदी उदय में जनता अब तक समझ गई थी कि उन्हें क्या करना है जो पहले जमानत नहीं बचा पाए थे उन्हें शहर पश्चिमी ने लाखों मतों से जिताकर नई पटकथा लिख दी और इसी राष्ट्रीय सोच की धारा अपने उत्तर प्रदेश की महान पूजनीय नदियों में बहना शुरू हुई जो जनपद प्रयागराज की पावन धरती पर भी आई मां गंगा सरस्वती एवं यमुना जी के माध्यम से…
जी हां, वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश में भी पूर्ण बहुमत के साथ एक स्थिर एवं भाजपा की राष्ट्रवादी सरकार बनी और उसी के साथ अपने शहर पश्चिमी विधानसभा में भी विकास रूपी सूर्य का उदय हुआ जनता के अपार समर्थन से,क्योंकि शहर पश्चिमी के लोग यह भी समझ चुके थे कि केंद्र के साथ अब अपने राज्यों एवं विधानसभाओं में भी राष्ट्रवादी भाजपा सरकार की तत्काल आवश्यकता है और इसी के साथ वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों में अपने विधानसभा में रिकॉर्ड तोड़ मतों से विजयी होकर विधायक एवं कैबिनेट मंत्री के रूप में आये सिद्धार्थ नाथ सिंह जनता ने दिलों को जोड़ा। यहां महत्वपूर्ण है कि भाजपा संगठन ने बहुत सोच विचार कर उन्हें इस विधानसभा का प्रत्याशी बनाया क्योंकि सिद्धार्थनाथ सिंह उस वक्त पश्चिम बंगाल के सहप्रभारी,आंध्र प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में मा0 नरेंद्र मोदी और अमित शाह प्रतिभा कर्मठता को देखकर प्रभावित हो चुके थे इसलिए वह पहले से ही राष्ट्रीय स्तर के राजनेता थे और साथ ही भारत के सबसे ईमानदार और जय जवान जय किसान का नारा देकर भारत के किसानों और जवानों की दयनीय परिस्थितियों से निकाल कर सर्वोच्च ऊचाईयों पर स्थापित करा चुके पूर्व प्रधानमंत्री आदरणीय स्व0 लाल बहादुर शास्त्री के नाती थे। सिद्धार्थ नाथ सिंह स्वयं नहीं जानते थे कि प्रयागराज शहर पश्चिमी से भाजपा अपना उम्मीदवार घोषित करेंगी।सुना जाता है कि उन्होंने टिकट मिलने के उपरांत अमित शाह से मिलने पहुँचे तो वहाँ जन के नायक मोदी पहले से ही बैठे थे सिद्धार्थ नाथ सिंह को देखकर कहा अपने नाना की कर्मभूमि पर जाकर नई पहचान स्थापित करो सिद्धार्थ जी ने बोलना चाहा तो मोदी ने कहा मैं जानता हूँ शहर पश्चिमी अतीक अहमद अपराधियों की पहचान बन चुकी है।उसी को बदलने के लिए अपराधियों को गद्दी से रद्दी बनाकर जनता के दिलों में विकास की नई पहचान स्थापित करो।जाओ चुनौतियों को लेकर आगे बढ़ो मैं साथ हूँ।इसके साथ ही शहर पश्चिमी विधानसभा में विकास की हवा बहने लगी जो आज प्रत्यक्ष रूप से दिख रहा है जिसके कुछ प्रमुख उदाहरण निम्न हैं-क्षेत्र में अपराधीकरण एवं आतंक का पूर्ण सफाया लगातार कार्यवाही चल रही है। भाजपा संगठन के कार्यकर्ताओं एवं नागरिकों के लिए सुरक्षित महौल का पहचान बनता जा रहा है।शहर पश्चिमी की परिदृश्य अब विकास का प्रयागराज में सबसे अव्वल दर्जे में प्रवेश कर गया।हर व्यक्ति शहर पश्चिमी में आने लगा, बाजार और दुकानों की सिविल लाइंस की तरह बनने लगे।अचल संपत्ति संबंधित अवैध कार्यों पर विराम। 60 फ़ीट मार्ग (अब कैप्टन विजित सिंह मार्ग) का 30 वर्षों बाद ऐतिहासिक निर्माण जिसमें मंत्री के अथक प्रयासों से सफल हुआ कहा तो जाता था कि इस मार्ग का बनना असंभव है,पहले पूर्व सांसद कपिल मुनि करवरिया ने बदलने का प्रयास किया था।सूबेदारगंज स्टेशन का राष्ट्रीय स्तर का आधुनिकीकरण जो आज एक लैंडमार्क है।चकिया से आर्मी कॉलोनी सी सी सड़क का निर्माण जिस मार्ग पर अतीक अहमद का कभी आवास हुआ करता था। इंडियन आईओसीएल झलवा से असरावल कला तक 4 लेन हाईवे स्तर के सड़क का निर्माण।ससुर खदेरी नदी पर ब्रिज का निर्माण,डाही से बक्शी मोड़ सड़क निर्माण। शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में एक हजार बिस्तर का अस्पताल चर्चा का केंद्र बिंदु बन चुका है।चलता फिरता रेलगाड़ी में चिकित्सा का लाभ 15 दिनों तक प्रयागराज में जीवन का आधार बना।महानगरी बस सेवा ने शहर पश्चिमी को नया आयाम दिया ही भविष्य में शहर पश्चिमी औद्योगिक नगरी के रूप में बढ़ता कदम ऊन प्रोसेसिंग यूनिट की खबर ने भेड़ पालकों के जीवन में नई किरण ने प्रयागराज में विकास का बढ़ता मजबूत स्तम्भ ने प्रयागराज वासियों में अचरज बन गया है।
️बमरौली एयरपोर्ट का सिविल एयरपोर्ट के रूप में आधुनिकीकरण टर्मिनल के साथ विश्व में विख्यात चुका है जहाँ से 72 देशों के राजदूत ही नहीं बल्कि 3200 एनआरआई कुंभ मेले के दौरान मां गंगा का आशीर्वाद ले चुके है।भारत के सभी प्रमुख शहरों को जोड़ने वाले हवाई सेवाओं का प्रमुख मार्ग बन चुका है।खुल्दाबाद से झलवा सड़क चौड़ीकरण,56 गांव के ग्रामीणों को शहर की परिक्रमा कर कौड़िहार विकास खण्ड जाना कठिन था जिसको गांव की जनता के मांग पर भगवतपुर को ब्लॉक का दर्जा दिलवाया।विभिन्न प्रमुख मार्गों और सड़कों में सोलर लाइट लगवाए गए,शहर और गांव की गलियों में लोगों का आवागमन की तस्वीर बदल गए लगभग 300 सडकें व इंटरलॉकिंग मार्ग बनाई गयी अभी बन रही है।लॉक डाउन के दौरान विधानसभा क्षेत्र के जरूरतमंदों को अपने भाजपा संगठन के कर्मठ कार्यकर्ताओं के सहयोग से राशन किट बंटवाया गया।लॉक डाउन के दौरान ही शहर पश्चिमी विधानसभा का एक टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया जो अपने आप मे सराहनीय कार्य रहा जिससे कई जरुरतमंद को सहायता मिली। और सबसे बड़ी बात…आज से तकरीबन 460 वर्षों पहले लोग कहते हैं की शहर का नाम इलाहाबाद मुगल काल का तत्कालीन विदेशी मूल का शासक अकबर ने रखा था, पर उसे यह नही पता था कि 460 वर्षों के बाद यह शहर पुनःअपना पुराना नाम प्रयाग प्रयागराज के रूप में वापस आएगा… और नामकरण के मुद्दे को मंत्री के रूप में उठाने वाले शहर पश्चिमी विधानसभा के विधायक एवं प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह थे जिनके अथक प्रयासों से ही जनपद का नाम पुनः प्रयागराज हुआ।यह तो इस शहर पश्चिमी की आधुनिक कहानी के कुछ अंश थे अभी और भी बहुत कुछ शहर पश्चिमी में होना है, वो कहते हैं पिछले 25-30 सालों के बाद अब विकास की श्रृंखला बढ़ती जा रही है। इस विकास की कहानी को आगे बढ़ाते रहें जिससे विधानसभा के शेष कार्य भी मूर्त रूप ले सकें क्योंकि यह आपका अपना शहर पश्चिमी है। शहर पश्चिमी आज जरायम की दुनिया से निकल जयराम के पथ पर बढ़ गया है।